रेपो दर एक फीसदी घटने के बाद भी कर्ज लेने की वृद्धि दर में भारी गिरावट

मुंबई- रेपो दर में फरवरी से लेकर जून तक एक फीसदी की कमी के बावजूद कर्ज लेने की वृद्धि दर घट रही है। साथ ही, कम ब्याज मिलने के कारण जमा में भी तेज गिरावट आ रही है। केयरएज की रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि, ब्याज दरों में कटौती के बावजूद चालू पखवाड़े में जमा वृद्धि कर्ज की मांग से आगे निकल रही है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जमाराशि में क्रमिक आधार पर 0.44 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो 13 जून तक 230.7 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई। यह पिछले वर्ष दर्ज 12.1 प्रतिशत की वृद्धि से कम है। यह गिरावट बैंकों की वित्तपोषण जरूरतों को पूरा करने के लिए जमा प्रमाणपत्रों (डिपॉजिट सर्टिफिकेट) पर निर्भरता व जमा वृद्धि में मंदी के कारण हुई, क्योंकि थोक जमा में प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, कर्ज उठाव 13 जून तक 183.1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। सालाना आधार पर यह 9.6 प्रतिशत बढ़ा है, जो पिछले साल की 15.5 प्रतिशत की दर से काफी कम है। कर्ज उठाव में यह धीमी वृद्धि उच्च आधार प्रभाव और खुदरा सहित सभी क्षेत्रों में कम वृद्धि के कारण हो सकती है। केयरएज ने कहा, अल्पकालिक भारित औसत कॉल दर (डब्ल्यूएसीआर) 21 जून, 2024 को 6.68 फीसदी से घटकर 20 जून, 2025 तक 5.27 फीसदी हो गई। यह गिरावट भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से लगातार तीन बार रेपो दर में कटौती और तरलता डालने के बाद आई है।

रिपोर्ट के अनुसार, उधारी-जमा (सीडी) अनुपात में भी मामूली वृद्धि देखी गई। यह लगातार छह पखवाड़े से 80 प्रतिशत से नीचे रहा। सीडी अनुपात में वृद्धि जमा निकासी के कारण हुई, जबकि चालू पखवाड़े के दौरान 0.59 लाख करोड़ रुपये के ऋण उठाव में वृद्धि हुई। कुल सरकारी निवेश 66.9 लाख करोड़ रुपये है, जो सालाना आधार पर 7.4 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।

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