औद्योगिक रियल एस्टेट लीडर के रूप में उभर रहा है पुणे, मुंबई से बेहतर प्रदर्शन

मुंबई- पुणे देश के इंडस्ट्रियल रियल एस्टेट लीडर के रूप में उभर रहा है। इस शहर ने भारत के बढ़ते विनिर्माण परिदृश्य में खुद को एक पावरहाउस के रूप में स्थापित किया है। पुणे ने लगातार दूसरे साल एनसीआर और मुंबई जैसे बड़े बाजारों से बेहतर प्रदर्शन किया है, जो इसके इंडस्ट्रियल रियल एस्टेट क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि को दर्शाता है। अगले 5 साल में पुणे में इंडस्ट्रियल स्पेस मांग बढ़कर दोगुना होने की संभावना है।

संपत्ति सलाहकार फर्म जेएलएल इंडिया के नवीनतम लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक डेटा से पता चलता है कि पुणे में 2019 में इंडस्ट्रियल स्पेस की शुद्ध सालाना मांग 42 लाख वर्ग फुट दर्ज की गई, जो 2024 के अंत तक बढ़कर 113 लाख वर्ग फुट हो गई। इस तरह 5 साल की अवधि में इंडस्ट्रियल स्पेस की मांग 2.5 गुना से अधिक बढ़ी है। इसके 2030 तक बढ़कर दोगुना होने का अनुमान है।

2019-24 अवधि में चक्रवर्ती वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) 20 फीसदी से अधिक रही। इस अवधि के दौरान पुणे का कुल स्टॉक 242 लाख वर्ग फुट से बढ़कर 609 लाख वर्ग फुट हो गया। ग्रेड ए सुविधाएं अब पुणे के समग्र इंडस्ट्रियल स्टॉक का 75 फीसदी हिस्सा हैं, जिससे प्रीमियम इंफ्रास्ट्रक्चर अपवाद के बजाय मानक बन जाता है।

ग्रेड ए की शुद्ध मांग 2019-2024 के बीच 32 लाख से बढ़कर 99 लाख वर्ग फुट हो गई। जेएलएल इंडिया में वरिष्ठ प्रबंध निदेशक (पुणे और लॉजिस्टिक्स एंड इंडस्ट्रियल) संजय बजाज ने कहा कि पुणे का इंडस्ट्रियल रियल एस्टेट बाजार न केवल बढ़ रहा है, बल्कि यह विकसित हो रहा है। ग्रेड ए सुविधाओं की ओर बदलाव, क्षेत्र में विविधीकरण और विदेशी निवेश में वृद्धि और उच्च मूल्य वर्धित उद्योगों की मांग के साथ पुणे को भविष्य के विकास के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करता है।

पुणे के इंडस्ट्रियल व वेयरहाउसिंग स्टॉक में आएगी तेजी बीते वर्षों में पुणे में इंडस्ट्रियल व वेयरहाउसिंग स्टॉक में काफी तेजी देखी गई। यह तेजी आगे भी जारी रहने की संभावना है। जेएलएल इंडिया के मुताबिक 2030 तक कुल इंडस्ट्रियल व वेयरहाउसिंग स्टॉक बढ़कर 14 करोड़ वर्ग फुट होने का अनुमान है। साथ ही पुणे में वार्षिक आपूर्ति और मांग लगातार एक करोड़ वर्ग फुट से ऊपर रहने की उम्मीद है, जबकि आने वाले वर्षों में कुल रिक्ति दर 5 फीसदी से नीचे गिरने का अनुमान है।

पुणे के इंडस्ट्रियल परिदृश्य में विविधता है। हालांकि ऑटोमोटिव और इंजीनियरिंग क्षेत्र इस शहर के इंडस्ट्रियल विकास के लिए आधार बने हुए हैं। 2024 में सभी लेन-देन का लगभग 65 फीसदी हिस्सा इन्हीं क्षेत्रों में रहा। एफएमसीजी, आवास, निर्माण और दवा क्षेत्र से भी मांग मजबूत हो रही है। पुणे में जर्मन और दक्षिण कोरियाई कंपनियों की महत्वपूर्ण उपस्थिति है, जबकि जापानी फर्मों ने हाल के वर्षों में बढ़ती रुचि दिखाई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *