दो साल में मिलेंगी 3.5 करोड़ नौकरियां, मैन्युफैक्चरिंग के लिए इंसेंटिव स्कीम
मुंबई- सरकार ने देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 99,446 करोड़ रुपये की रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दे दी है। इससे दो साल में 3.5 करोड़ जॉब्स पैदा होने की उम्मीद है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने 99,446 करोड़ रुपये की एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव (ELI) योजना को भी मंज़ूरी दी है। इस योजना का मकसद मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में नौकरियां पैदा करना है। इस योजना से उन क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाएगा जहाँ नौकरी मिलने की संभावना ज्यादा है।
उन्होंने बताया कि सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये की रिसर्च, डेवलपमेंट और इनोवेशन यानी RDI योजना को मंजूरी दी है। इस योजना से देश में नई खोजों को बढ़ावा मिलेगा। इससे भारत में चीजें बनाने की क्षमता बढ़ेगी। साथ ही, भारत का नाम टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे आएगा। सरकार ने इस योजना को बनाने से पहले इजराइल, अमेरिका, जर्मनी और सिंगापुर जैसे देशों के मॉडल को भी देखा था।
सरकार ने RDI योजना के तहत कुछ खास क्षेत्रों पर ध्यान देने की बात कही है। इनमें ऊर्जा सुरक्षा, साफ़ ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, क्वांटम कंप्यूटिंग, रोबोटिक्स और स्पेस जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इसके अलावा, खेती, स्वास्थ्य और शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल भी शामिल है। डिजिटल अर्थव्यवस्था, डिजिटल खेती और देश को आत्मनिर्भर बनाने वाली टेक्नोलॉजी पर भी ध्यान दिया जाएगा।
वैष्णव ने कहा कि R&D योजना के तहत केवल वही प्रोजेक्ट्स सपोर्ट किए जाएंगे जो टेक्नोलॉजी रेडीनेस लेवल 4 (TRL 4) तक पहुंच गए हैं। इससे यह सुनिश्चित होगा कि केवल प्रोटोटाइप स्टेज को पार कर चुके प्रोजेक्ट्स को ही प्रोत्साहन दिया जाएगा। TRL 4 का मतलब है कि प्रोजेक्ट अभी शुरुआती स्टेज में नहीं है, बल्कि थोड़ा आगे बढ़ चुका है।
कैबिनेट ने नेशनल स्पोर्ट्स पॉलिसी 2025 को भी मंजूरी दी है। यह पॉलिसी 2001 में बनी पॉलिसी की जगह लेगी। इसके अलावा सरकार ने तमिलनाडु में परमकुडी-रामनाथपुरम नेशनल हाईवे सेक्शन को चार लेन का बनाने की मंजूरी दी है। इस प्रोजेक्ट पर 1,853 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह कदम सड़क व्यवस्था को सुधारने, कनेक्टिविटी बढ़ाने और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।