पाकिस्तान के एक्सपर्ट आईपीएस पराग जैन को रॉ प्रमुख के रूप में इतना वेतन
मुंबई- ऑपरेशन सिंदूर’ की योजना बनाने में शामिल रहे पराग जैन को रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) का नया चीफ नियुक्त किया गया है। वह 30 जून को रिटायर हो रहे रवि सिन्हा की जगह लेंगे। पंजाब कैडर के 1989 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी जैन का दो साल का कार्यकाल आधिकारिक तौर पर एक जुलाई से शुरू होगा।
जैन को RAW में दो दशक से अधिक का अनुभव है। पराग जैन अभी एविएशन रिसर्च सेंटर (ARC) के प्रमुख हैं। पहले वह सिन्हा के बाद दूसरे नंबर पर थे। अब उन्हें रिसर्च एंड एनालिसिस विंग का अगला कार्यकारी सचिव बनाया गया है। पराग जैन को आतंकवाद को रोकने का माहिर माना जाता है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के इलाकों को लेकर उनकी अच्छी जानकारी है। माना जा रहा है कि उनकी इस जानकारी से रॉ को आने वाले सालों में काफी फायदा होगा। खासकर सीमा पार से होने वाले आतंकी हमलों को रोकने में वह मददगार साबित होंगे।
पराग जैन पहले चंडीगढ़ के SSP भी रह चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने कनाडा और श्रीलंका में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया है। जम्मू-कश्मीर में भी उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी।
रॉ प्रमुख का पद भारत सरकार में सबसे वरिष्ठ सचिव-स्तरीय अधिकारी के बराबर होता है। राष्ट्रीय सुरक्षा और पद की संवेदनशीलता के कारण उनकी सटीक सैलरी सार्वजनिक रूप से घोषित नहीं की जाती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रॉ चीफ की सैलरी लगभग 2.5 लाख रुपये प्रति महीना होती है। उन्हें भारत सरकार के सचिव-स्तर के अधिकारियों के समान वेतनमान मिलता है, जो सातवें वेतन आयोग के तहत आता है। इसमें मूल वेतन, महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA) और अन्य विशेष भत्ते शामिल होते हैं।
इसके अलावा उन्हें और भी तरह की कई सुविधाएं मिलती हैं। इनमें सरकारी आवास, सुरक्षा कवर, सरकारी वाहन, चिकित्सा सुविधाएं, यात्रा भत्ते और अन्य विशेष भत्ते शामिल हैं, जो उनके पद की प्रकृति के कारण दिए जाते हैं। इन सभी को मिलाकर उनका कुल वेतन 3.5 लाख से 4 लाख रुपये प्रति महीने तक हो सकता है।


 
 