कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के उत्पादन का कुल मूल्य बढ़कर 29.49 लाख करोड़
मुंबई- कृषि और इससे संबद्ध क्षेत्र से उत्पादन का सकल मूल्य यानी जीवीओ वित्त वर्ष 2011-12 से वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान स्थिर मूल्यों पर 54.6 प्रतिशत बढ़कर 29.49 लाख करोड़ रुपये हो गया है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने बताया, 2011-12 में मौजूदा मूल्यों पर जीवीओ 19.08 लाख करोड़ रुपये था। यह 2023-24 में 48.78 लाख करोड़ रुपये हो गया। इस तरह इसमें करीब 225% की वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2013-14 में कृषि और संबद्ध क्षेत्र का जीवीए 19.26 लाख करोड़ रुपये था। पिछले 10 वर्षों में कृषि क्षेत्र का जीवीए 153% बढ़ा है। कृषि उत्पादन के कुल मूल्य में फसलों का हिस्सा 2011-12 में 62.4 फीसदी था जो 2023-24 में घटकर 54.1 फीसदी पर आ गया। इसकी भरपाई पशुपालन और मछली पालन से हुई है। पशुपालन का हिस्सा 25.6 से बढ़कर 31.2 फीसदी हो गया है। इसी तरह फिशिंग और एक्वाकल्चर की हिस्सेदारी 4.2 से बढ़कर 7 फीसदी हो गई है।
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, तेलंगाना और हरियाणा ने 2023-24 में अनाज उत्पादन के मूल्य में लगभग 53 फीसदी का योगदान किया। सबसे अधिक हिस्सेदारी उत्तर प्रदेश की है। हालांकि 2011-12 की तुलना में इसकी खरीदारी 2023-24 में कम हुई है। यह 18.6 फीसदी की तुलना में 17.2% रह गई।
अनाज में 85% से अधिक हिस्सा धान और गेहूं का है। धान का हिस्सा 2011-12 में 50.7% था जो 2023-24 में 52.6% हो गया। गेहूं का हिस्सा 35.5% से घटकर 33% रहा। मक्के का हिस्सा 7% से बढ़कर 9.3% हुआ है। फलों में केले के उत्पादन का मूल्य 2023-24 में 47,000 करोड़ रुपये यानी 26 फीसदी हो गया। आम का मूल्य 46,100 करोड़ रहा। फलों में 2011-12 में आम का हिस्सा सबसे ज्यादा 29% था जो अब 25% रह गया है।
पशुपालन के उत्पादों का मूल्य 12 वर्षों में 4.88 लाख करोड़ से बढ़कर 9.19 लाख करोड़ रुपये हो गया। कृषि और संबद्ध गतिविधियों में सबसे तेजी से बढ़ने वाले सेगमेंट में एक है। सबसे अधिक प्रगति दूध के मूल्य में हुई है। हालांकि इसका हिस्सा 67.2% से घट कर 65.9% रह गया है। मटन का हिस्सा 19.17% से बढ़कर 24.1% हो गया है।
मध्य प्रदेश मसाले का सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है। इनके उत्पादन के मूल्य में प्रदेश का हिस्सा 2023-24 में 19.2% था। कर्नाटक 16.6% के साथ दूसरे और गुजरात 15.5% के साथ तीसरे स्थान पर है।