इटली की कंपनी भारत में 400 रुपये के चप्पल को एक लाख रुपये में बेच रही

मुंबई- इटली की एक कंपनी प्राडा (Prada) कोल्हापुरी चप्पल जैसी दिखने वाले प्रोडक्ट बेच रही है। इसे लेकर यह कंपनी निशाने पर आ गई है। भारत के मशहूर कारोबारी हर्ष गोयनका ने लग्जरी ब्रांड प्राडा पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने उनका कहना है कि प्राडा भारत की सांस्कृतिक विरासत का फायदा उठा रहा है। लेकिन, वो इसका श्रेय भारतीय कारीगरों को नहीं दे रहा है। प्राडा इस चप्पल को एक लाख रुपये की कीमत से ज्यादा में बेच रहा है।

गोयनका ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर इस बारे में एक पोस्ट लिखी है। इस पोस्ट में उन्होंने प्राडा के नए कलेक्शन की तस्वीर शेयर भी की। पोस्ट में उन्होंने लिखा है, ‘प्राडा कोल्हापुरी चप्पल जैसे दिखने वाले प्रोडक्ट को 1 लाख रुपये से ज्यादा में बेच रहा है। हमारे कारीगर वही चप्पल हाथ से 400 रुपये में बनाते हैं। उन्हें नुकसान होता है, जबकि ग्लोबल ब्रांड हमारी संस्कृति से पैसा कमा रहे हैं।

प्राडा ने हाल ही में इटली की इकोनॉमिक कैपिटल कहे जाने वाले शहर मिलान में एक फैशन शो किया था। इसमें मियुसिया प्राडा और राफ सिमंस ने अपना नया कलेक्शन पेश किया। इसमें कोल्हापुरी जैसी दिखने वाली चप्पल भी शामिल हैं। इस कलेक्शन को कुछ लोग भविष्य की झलक बता रहे हैं। लेकिन, कई लोग इसकी आलोचना कर रहे हैं।

कोल्हापुरी चप्पल महाराष्ट्र के कोल्हापुर में बनती हैं। ये चप्पलें 12वीं सदी से बन रही हैं। भारत सरकार ने साल 2019 में इसे जीआई टैग दिया था। जीआई टैग का मतलब है कि ये चप्पलें सिर्फ कोल्हापुर में ही बन सकती हैं। इससे कोल्हापुरी चप्पलों की पहचान और महत्व बना रहता है।

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