अंडमान सागर में भारत को मिल सकता है दो लाख करोड़ लीटर कच्चा तेल
मुंबई- भारत को अंडमान सागर में करीब 2 लाख करोड़ लीटर का क्रूड ऑयल का भंडार मिल सकता है। केंद्रीय पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि यह अनुमान सही निकला तो इससे भारत की GDP करीब 5 गुना तक बढ़ सकती है।
हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि अंडमान सागर में कच्चे तेल और गैस का यह बड़ा भंडार दिखा है और सरकार ने इसे निकालने की तैयारियां शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि इसके मिलने के बाद हमारी एनर्जी की जरूरतें एक झटके में पूरी हो जाएंगी।
मंत्री ने कहा कि यह पेट्रोलियम भंडार हाल ही में गुयाना में मिले (11.6 अरब बैरल) कच्चे तेल के रिजर्व जितना हो सकता है। अगर खोज और शोध में यह अनुमान सही निकला तो भारत की जीडीपी एक झटके में 3.7 लाख डॉलर से बढ़कर 20 लाख डॉलर हो सकती है।
हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि अभी अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में कच्चा तेल निकालने का काम चल रहा है। जहां ऑयल इंडिया और ओएनजीसी जैसी कंपनियों ने नए भंडारों की तलाश में सर्वे और ड्रिलिंग का काम शुरू कर दिया है।
देश का 85% से ज्यादा कच्चा तेल अंतरराष्ट्रीय आयातकों से प्राप्त होता है। पुरी ने कहा कि तेल की खुदाई खोजने में बहुत पैसा खर्च होता है। गुयाना में 43 या 46 तेल के कुएं खोदे गए, जिनमें से प्रत्येक की लागत 100 मिलियन डॉलर थी। 47वें तेल के कुएं में उन्हें कच्चे तेल का भंडार मिला था। वहीं ओएनजीसी ने इस साल सबसे ज्यादा संख्या में कुएं खोदे हैं, 37 सालों में सबसे ज्यादा। वित्त वर्ष 24 में ओएनजीसी ने 541 कुएं खोदे, जिसमें 37,000 करोड़ रुपए का खर्च आया था। यह कंपनी के इतिहास में सबसे ज्यादा है।
अगर अंडमान में खोज सफल होती है, तो भारत तेल आयात को काफी हद तक कम कर सकता है और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकता है। भारत अभी अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए कच्चे तेल के आयात पर बहुत ज्यादा निर्भर है। सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि देश का 85% से ज्यादा कच्चा तेल अंतरराष्ट्रीय आयातक से प्राप्त होता है।