टाटा समूह के मुंबई आफिस में शोक की लहर, 2022 में वापस मिली थी एअर इंडिया
मुंबई- अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट 171 के क्रैश हो जाने से पूरे देश और विशेष रूप से टाटा समूह में शोक की लहर दौड़ गई है। टाटा समूह के मुख्यालय मुंबई स्थित बॉम्बे हाउस में सन्नाटा पसरा रहा। टाटा समूह ने जनवरी 2022 में एअर इंडिया का स्वामित्व दोबारा प्राप्त किया था, और इस हादसे ने कंपनी के पुनरुत्थान के प्रयासों को बड़ा झटका दिया है। एक अधिकारी ने बताया, यहां का माहौल बहुत खराब है, हर कोई दुखी है।
टाटा समूह और एअर इंडिया के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन स्वयं अहमदाबाद पहुंचे और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से मुलाकात की। उन्होंने कहा, हमने एक इमरजेंसी सेंटर सक्रिय कर दिया है और एक सपोर्ट टीम तैनात की गई है, जो पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद दे रही है। टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन और टाटा सन्स के निदेशक नोएल टाटा ने भी स्थिति पर नजर बनाए रखी।
नोएल टाटा ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, हम हादसे से बेहद दुखी हैं। जिन्होंने आज अपने प्रियजनों को खोया है। इस असहनीय समय में हम उनके साथ खड़े हैं और हमारी प्रार्थनाएं और समर्थन उनके साथ हैं।
बॉम्बे हाउस स्थित से राहत कार्यों और गतिविधियों की निगरानी की गई।
हादसे के बाद कई योजनाबद्ध कार्यक्रम रद्द कर दिए गए। हालांकि, मुंबई के जियो वर्ल्ड सेंटर में शनिवार को होने वाला जगुआर लैंड रोवर का नया कॉन्सेप्ट कार लॉन्च कार्यक्रम निर्धारित समय पर होगा, लेकिन बिना किसी धूमधाम के। इसके अलावा एन. चंद्रशेखरन को शुक्रवार को यूके में एक नाइटहुड सेरेमनी में शामिल होना था, जिसे स्थगित कर दिया गया है।
इस हादसे का आर्थिक असर भी टाटा समूह पर पड़ने की आशंका है। टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी, जो विमान बीमा कंसोर्टियम का हिस्सा है, को कुछ हद तक बीमा दायित्व उठाना पड़ेगा। हालांकि, अधिकांश जोखिम का पुनर्बीमा किया गया है, जिससे कंपनी की प्रत्यक्ष जिम्मेदारी सीमित होगी। लेकिन यह भी आशंका है कि अगले बीमा नवीकरण के समय एअर इंडिया को बीमा प्रीमियम में तेज बढ़ोतरी का सामना करना पड़ेगा।
इस हादसे का आर्थिक असर भी टाटा समूह पर पड़ने की आशंका है। टाटा AIG जनरल इंश्योरेंस कंपनी, जो विमान बीमा कंसोर्टियम का हिस्सा है, को कुछ हद तक बीमा दायित्व उठाना पड़ेगा। हालांकि, अधिकांश जोखिम का पुनर्बीमा (Reinsurance) किया गया है, जिससे कंपनी की प्रत्यक्ष जिम्मेदारी सीमित होगी। लेकिन यह भी आशंका है कि अगले बीमा नवीकरण के समय एयर इंडिया को बीमा प्रीमियम में तेज़ बढ़ोतरी का सामना करना पड़ेगा।