खाद्य तेलों पर 50 फीसदी घटा शुल्क, ग्राहकों को फायदा देने का सरकारी आदेश

मुंबई- खाद्य तेलों के मूल सीमा शुल्क यानी बीसीडी में 50 फीसदी की कटौती की गई है। कच्चे सूरजमुखी, सोयाबीन और पाम ऑयल पर शुल्क को 20 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया है। इस फैसले के चलते कच्चे और रिफाइंड खाद्य तेलों के बीच आयात शुल्क में अंतर 8.75% से 19.25% हो गया है। सरकार ने आदेश किया है कि जितना जल्द हो सके, कंपनियां इसका फायदा ग्राहकों को दें।

खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव की अध्यक्षता में प्रमुख खाद्य तेल उद्योग संघों और उद्योग हितधारकों के साथ बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में उन्हें शुल्क कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का निर्देश दिया गया। विभाग ने बयान में कहा, वितरकों के लिए मूल्य और अधिकतम खुदरा मूल्य दोनों को समायोजित किया जाए।

विभाग ने तेल एसोसिएशनों से कहा, वे अपने सदस्यों को तत्काल मूल्य कटौती लागू करने की सलाह दें। साथ ही, ब्रांडवार अपडेट एमआरपी शीट साप्ताहिक आधार पर विभाग के साथ साझा करें। मंत्रालय ने खाद्य तेल उद्योग के साथ एमआरपी की रिपोर्टिंग के लिए एक प्रारूप साझा किया है। इसमें इस बात पर जोर दिया गया कि आपूर्ति श्रृंखला के जरिये समय पर लाभ पहुंचाना आवश्यक है, ताकि उपभोक्ताओं को खुदरा कीमतों में भी इसी तरह की कमी हो सके।

इसी साल 31 मई को सरकार ने पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क में 50 फीसदी की कटौती कर इसे 20 से 10 फीसदी पर ला दिया था। अधिकारियों ने कहा, 19.25 प्रतिशत शुल्क का अंतर घरेलू रिफाइनिंग क्षमता उपयोग को प्रोत्साहित करने और रिफाइंड तेलों के आयात को कम करने में मदद करेगा।

खाना पकाने वाले तेलों की कीमतें एक साल में 25 फीसदी से तक बढ़ी हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार, वनस्पति तेल का भाव बुधवार को 155 रुपये लीटर था, जो एक साल पहले 126 रुपये था। इसी तरह सोया तेल की कीमत 123 से बढ़कर 147 रुपये, सूरजमुखी तेल का दाम 123 से बढ़कर 160 रुपये लीटर, पाम तेल का भाव 100 से बढ़कर 132 रुपये और सरसों तेल की कीमत 138 से बढ़कर 172 रुपये पर पहुंच गई। हालांकि, कुछ शहरों में इनकी कीमतें इससे भी ज्यादा हैं। हालांकि, हाल के महीनों में इनमें 17 फीसदी तक तेजी आई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *