चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान- आरबीआई
मुंबई-भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 में भारत के लिए रियल जीडीपी वृद्धि 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जिसमें जोखिम समान रूप से संतुलित हैं।
आरबीआई ने वार्षिक रिपोर्ट’ में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अपने मजबूत आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों, वित्तीय क्षेत्र और सस्टेनेबल विकास के प्रति प्रतिबद्धता के साथ वित्त वर्ष 2026 में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी रहेगी।
वैश्विक वित्तीय बाजार में अस्थिरता, भू-राजनीतिक और व्यापार तनाव, सप्लाई चेन व्यवधान, जलवायु से जुड़ी अनिश्चितताओं के बावजूद यह वृद्धि बनी रहेगी। सभी कारक ग्रोथ आउटलुक के लिए डाउनसाइड और मुद्रास्फीति आउटलुक के लिए ऊपर की ओर जोखिम पैदा करते हैं।
भारत का आउटलुक 2025-2026 के लिए आशाजनक बना हुआ है। इस आउटलुक को उपभोक्ता मांग में सुधार, बैंकों और कॉरपोरेट्स की हेल्दी बैलेंस शीट, आसान वित्तीय स्थिति, सेवा क्षेत्र की निरंतर मजबूती और उपभोक्ता-व्यावसायिक आशावाद से मजबूती मिलेगी। साथ ही राजकोषीय कंसोलिडेशन के मार्ग पर चलते हुए पूंजीगत व्यय पर सरकार का निरंतर जोर भी इस मजबूत आउटलुक को समर्थन देगा।
सामान्य से बेहतर दक्षिण-पश्चिम मानसून और उत्पादकता बढ़ाने वाली कई सरकारी नीतियों की वजह से 2025-26 में कृषि क्षेत्र के लिए संभावनाएं अनुकूल दिख रही हैं। इसके अलावा, घरेलू मांग में सुधार, उपयोग की उच्च क्षमता, कॉरपोरेट-बैंकों की हेल्दी बैलेंस शीट और उपभोक्ता-व्यावसायिक आशावाद से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को 2025-26 में और गति मिलने की उम्मीद है।
आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है, कई वैश्विक चुनौतियों के बीच भारतीय वित्तीय बाजारों ने मजबूत और व्यवस्थित चाल दर्ज की है। केंद्र सरकार ने अपने राजकोषीय कंसोलिडेशन प्रयासों को बनाए रखा, जिसे कर राजस्व में उछाल और विवेकपूर्ण व्यय प्रबंधन से सपोर्ट मिला। वहीं, एक्सटर्नल फ्रंट पर, मजबूत सेवा निर्यात और स्थिर प्रेषण प्रवाह ने ट्रेड डेफिसिट की भरपाई की, जिससे करंट अकाउंट डेफिसिट एक स्थायी स्तर पर रहा।