सेबी की पूर्व चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को लोकपाल से मिली क्लीनचिट

मुंबई- SEBI की पूर्व चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को हिंडनबर्ग मामले में लोकपाल ने क्लिनचिट दे दी है। लोकपाल की एंटी करप्शन बॉडी ने हिंडनबर्ग केस में उनके खिलाफ सभी शिकायतों का निपटारा कर दिया है। लोकपाल ने कहा है कि बुच के खिलाफ जांच का आदेश देने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं हैं।

लोकपाल ने आदेश में कहा, ‘हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि शिकायतों में लगाए गए आरोप अनुमानों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इस मामले में कोई भी वेरिफाइड मटेरियल नहीं मिला है। इसलिए उनके खिलाफ की गईं सभी शिकायतों को खारिज किया जाता है।’

लोकपाल ने कहा, ‘शिकायतकर्ताओं ने इस स्थिति के प्रति सचेत रहते हुए रिपोर्ट से स्वतंत्र होकर आरोपों को स्पष्ट करने का प्रयास किया। लेकिन हमारे द्वारा आरोपों के एनालिसिस से यह निष्कर्ष निकला कि वे सभी आरोप अपुष्ट, अप्रमाणित और तुच्छ हैं।

लोकपाल ने जिन आरोपों की जांच की, उनमें माधबी बुच और उनके पति धवल बुच के अडाणी ग्रुप में निवेश से जुड़े एक फंड में काफी बड़ी रकम निवेश की।
महिंद्रा एंड महिंद्रा और ब्लैकस्टोन इंक जैसी कंपनियों से कंसल्टेंसी सर्विसेज फीस की आड़ में लेन-देन किया। किराए की इनकम की आड़ में वॉकहार्ट से लेन-देन किया। 2017 से 2024 के बीच पांच साल की अवधि में आईसीआईसीआई बैंक के ESOP बेचकर अनुचित लाभ कमाया।

लोकपाल ने कहा, ‘शिकायतकर्ता बिना पुख्ता सबूतों के हल्के-फुल्के और कमजोर आरोप लगाकर सिर्फ मामले को बड़ा और राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं।ये शिकायतें परेशान करने वाली हैं, जिन पर कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है।

आदेश में कहा गया कि शिकायतकर्ता हमसे चाहते हैं कि हम ऐसे आरोपों की जांच करें, जो बेबुनियाद, अटकलों पर आधारित हैं।’ अगस्त में अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी है।

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