मंजूरी में नियामकों की देरी से पैदा हो सकती है अनिश्चितता: सीतारमण
मुंबई- मंजूरी में नियामकों की देरी से अनिश्चितता पैदा हो सकती है। इससे वाणिज्यिक समयसीमा बाधित हो सकती है। खासकर जब भारत अमेरिका सहित विभिन्न देशों के साथ व्यापार सौदों पर बातचीत कर रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, विनियमन और स्वतंत्रता के बीच सही संतुलन होना जरूरी है।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग यानी सीसीआई के 16वें वार्षिक समारोह में उन्होंने कहा, सतर्कता और विकास समर्थन के बीच संतुलन बनाने की सीसीआई की क्षमता लचीले, न्यायसंगत और नवाचार संचालित आर्थिक ढांचे के निर्माण के लिए अभिन्न अंग होगी। यह जरूरी है कि नियामक ढांचे में कठोर निगरानी बनाए रखने के साथ ऐसे संयोजनों के लिए तुरंत और निर्बाध मंजूरी की सुविधा भी दी जाए, जिससे प्रतिस्पर्धा को कोई नुकसान न पहुंचे।
उन्होंने कहा, प्रतिस्पर्धा से दक्षता बढ़ती है। नवाचार को बढ़ावा मिलता है तथा ग्राहकों को लाभ होता है। न केवल व्यावसायिक आचरण बल्कि सरकारी नीतियों, कानूनों और विनियमों को भी प्रतिस्पर्धा को प्रभावित नहीं करना चाहिए, क्योंकि प्रवेश बाधाएं, लाइसेंसिंग मानदंड या खरीद नियम भी विकृति पैदा कर सकते हैं।
वैश्विक स्तर पर मंजूरी में देरी का प्रभाव तब भी पड़ता है, जब हम विभिन्न देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों पर बातचीत करते हैं, क्योंकि निवेशकों की नजर नियामकों की क्षमता और तत्परता पर होती है। जब आप उचित समय के भीतर कुछ मुक्त व्यापार समझौतों पर सहमति बनाने की बात करते हैं, तो इसका बहुत गंभीर अर्थ होता है। इसलिए, चाहे वह मुकदमेबाजी हो, चाहे मुकदमेबाजी में लगने वाला समय हो या जब नियामक कम पारदर्शी हों, बातचीत जटिल हो सकती है। भारत अमेरिका और यूरोपीय संघ सहित विभिन्न देशों और ब्लॉकों के साथ व्यापार सौदों पर बातचीत कर रहा है।
सीतारमण ने कहा, भारत जैसे देश के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष बाजार सुनिश्चित करना महज आर्थिक जरूरत नहीं है, बल्कि यह लोकतांत्रिक जरूरत है। किसी भी चीज की कीमतें चैरिटी के कारण नहीं गिरतीं, बल्कि इसलिए गिरती हैं क्योंकि कोई और उसी उत्पाद को कम कीमत पर बेचने को तैयार होता है। गुणवत्ता में सुधार नैतिकता की भावना के कारण नहीं होता, बल्कि इसलिए होता है क्योंकि बाजार की ताकतें औसत दर्जे को दंडित करती हैं।
प्रतिस्पर्धा आयोग की प्रमुख रवनीत कौर ने कहा, उत्पादन लागत के नए मानदंडों से अधिक सटीक और मूल्यांकन करने में मदद मिलेगी। इससे प्रवर्तन परिणाम आसान हो जाएंगे। डिजिटल बाजारों में तेजी से बदलाव आ रहा है और पहले कदम उठाने का लाभ बहुत जल्दी ही ठोस रूप ले लेता है। सीसीआई डिजिटल बाजारों, वैश्वीकरण और उभरते व्यापार मॉडल की जटिलताओं का प्रभावी ढंग से जवाब देने के लिए ढांचे को पुनः व्यवस्थित करने में सक्रिय रहा है।

