देश में बेरोजगारी दर अप्रैल में 5.1 फीसदी, पहली बार सरकारी आंकड़ा जारी
मुंबई- एक ऐतिहासिक कदम के तहत पहली बार मासिक श्रम बल और बेरोजगारी के आंकड़े जारी किए गए हैं। इसके मुताबिक, अप्रैल में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए बेरोजगारी दर 5.1 फीसदी पर रही। अब तक यह केवल शहरी क्षेत्रों के लिए तिमाही आधार तथा राष्ट्रीय स्तर पर वार्षिक आधार पर जारी होता था।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अनुसार, महिलाओं में बेरोजगारी दर पांच फीसदी पर रही। अप्रैल में श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) देशभर में 55.6 फीसदी दर्ज की गई। ग्रामीण भारत में श्रम बल में भागीदारी अधिक रही, जहां एलएफपीआर 58.0 फीसदी रही। शहरी क्षेत्रों में यह 50.7 फीसदी रही।
पुरुषों के मामले में एलएफपीआर ग्रामीण क्षेत्रों में 79.0 फीसदी और शहरी क्षेत्रों में 75.3 फीसदी जबकि महिलाओं के लिए यह काफी कम था। ग्रामीण महिलाओं में एलएफपीआर 38.2 फीसदी था, जो अनौपचारिक और अवैतनिक काम पर निरंतर निर्भरता को रेखांकित करता है, खासकर कृषि परिवारों में। कामगार आयु वर्ग के लोगों के रोजगार के अनुपात का माप कामगार जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) पूरे देश में 52.8 फीसदी रहा। ग्रामीण क्षेत्रों में 55.4 फीसदी व शहरी क्षेत्रों में 47.4 फीसदी था।
देशभर में 15-29 आयु वर्ग के लोगों में बेरोजगारी दर 13.8 प्रतिशत थी। शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 17.2 व ग्रामीण क्षेत्रों में 12.3 प्रतिशत थी। महिलाओं में बेरोजगारी दर देशभर में 14.4 प्रतिशत थी। शहरों में यह 23.7 प्रतिशत और गांवों में 10.7 प्रतिशत थी। 89,434 परिवारों का सर्वे किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में 49,323 और शहरी क्षेत्रों में 40,111 परिवार थे। सर्वे में 3,80,838 लोग शामिल थे।
आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) माप के तहत एकत्र किया गया यह नया मासिक आंकड़ा भारत के श्रम बाजार में तेजी से और अधिक विस्तृत जानकारी सुनिश्चित करने के प्रयास का हिस्सा है। यह आंकड़ा पीएलएफएस के वर्तमान साप्ताहिक स्थिति ढांचे के तहत एकत्र किया गया है। अब इसे हर महीने 45 दिनों के अंतराल के साथ प्रकाशित किया जाएगा।