व्हाइट हाउस और नई बीएमडब्ल्यू का असर, भास्कर के रेजिडेंट एडिटर का इस्तीफा
मुंबई। भागलपुर जैसे शहर में पत्रकारिता कर पूर्ऱ्णिया में व्हाइट हाउस बनाने और नई बीएमडब्ल्यू को खरीदने का शौक भास्कर के भागलपुर के रेजिटेंड एडिटर पर भारी पड़ गया है। आनन फानन में राजेश रंजन को इस्तीफा देना पड़ा है। इस इस्तीफे की कहानी तो बहुत लंबी है, लेकिन इसे अब बताया जा रहा है।
दरअसल, कुछ समय पहले यहां पर एक जूनियर पत्रकार ने राजेश रंजन और इनके एक फुफेरे भाई के कारण इस्तीफा दे दिया था। इस पत्रकार को यहां तरह तरह से प्रताणित किया जा रहा था। इस पत्रकार ने जब संस्थान छोड़ा तो इसने एग्जिट इंटरव्यू में दोनों भाइयों के खिलाफ बहुत सारी शिकायतें लिख दी जो वास्तव में सही थी।
बताया जा रहा है कि इस शिकायत के बाद भास्कर प्रबंधन को कुछ गड़बड़ी लगी। जब प्रबंधन ने जांच की तो पता चला कि राकेश रंजन के व्हाइट हाउस और बीएमडब्ल्यू की बिहार में बहुत चर्चा है। इसके बाद उनके आय के सोर्स की जांच की गई। इस सोर्स में जो पता चला कि जो सैलरी रंजन को मिलती है, उसमें यह सब संभव नहीं है। फिर आखिरकार पैसा आया कहां से? इसके लिए जांच बिठाई गई।
जांच में पहले नेशनल एडिटर नवनीत गुर्जर और स्टेट एडिटर कुलदीप व्यास शामिल हुए। इन लोगों ने रंजन को पटना बुलाया। रंजन ने अपनी सफाई दी। फिर कुलदीप व्यास ने एक बार और बैठक बुलाई। उन्होंने बैठक में कहा कि इसमें मै कुछ नहीं कर सकता। दरअसल मामला कुछ विज्ञापनों के पैसे को लेकर है। बताया जा रहा है कि किसी रिपोर्टर ने एक विज्ञापन का तीन बार पैसा उठाया। एक बार तो पैसा आफिस में पहुंचा, पर दो बार पैसा नहीं पहुंचा। इसकी शिकायत कुलदीप व्यास के पास पहुंच गई और उन्होंने इसे प्रबंधन तक भेज दिया. इस रिपोर्टर ने भी इस्तीफा दे दिया है।
राजेश रंजन ने भले इस्तीफा दे दिया, पर इसकी जांच अभी भी जारी है। वैसे वो अगर इस्तीफा नहीं देते तो मैनेजमेंट पूरी तरह से उन पर जांच बिठाकर निकालने का प्लान बनाया था।
इस पूरे प्रकरण पर राजेश रंजन ने एक वेबसाइट से बात कर कहा कि- “वह पिछले दस वर्षों से दैनिक भास्कर के भागलपुर में रेजीडेंट एडिटर के पद पर जुड़े हुए हैं। स्टेट एडिटर कुलदीप व्यास का व्यवहार मेरे या अन्य कर्मचारियों के प्रति बेहद खराब था। दस दिन पहले एचआर की मीटिंग थी, जिसमें यह बात उठाई तो गई लेकिन मसले पर न कोई चर्चा हुई और न ही कोई हल ही निकला। इसके बाद मैंने पब्लिकली इस्तीफा दे दिया।” आरोपों के संबंध में राजेश रंजन ने कहा, “यदि कोई आरोप है तो उसे साबित करें। प्रूफ दिखाएं। ये सब कहानियां हैं जो गैरजरूरी तौर पर बनाई जा रही हैं।”