एसएमई कंपनियों को मेन प्लेटफॉर्म पर लिस्ट होने के लिए बने सख्त नियम
मुंबई- स्मॉल मीडियम साइज एंटरप्राइज (SME) कंपनियों के मेनबोर्ड में शिफ्ट होने के लिए जरूरी नियमों में बदलाव किया है। नए नियमों में SME कंपनियों को मेनबोर्ड में आने के लिए योग्यता की कई शर्तें पूरी करनी होंगी। नए नियमों के अनुसार SME कंपनी को कम से कम 3 साल तक एनएसई के SME प्लेटफॉर्म पर ही रहना होगा।
इसके साथ ही पिछले 3 वर्षों में से कम से कम 2 साल ऑपरेटिंग प्रॉफिट होना चाहिए। पिछले वित्तीय वर्ष में ऑपरेशन से रेवेन्यू ₹100 करोड़ से अधिक होना चाहिए। कंपनी की चुकता पूंजी (पेडअप कैपिटल) ₹10 करोड़ से कम नहीं होनी चाहिए। कंपनी की नेट वर्थ ₹75 करोड़ से कम नहीं होना चाहिए। आवेदन के समय प्रमोटर के पास कंपनी में कम से कम 20% शेयर होने चाहिए। लिस्टिंग के दिन प्रमोटरों के पास जितने शेयर थे, उनमें से 50% से कम नहीं होने चाहिए।
SME का मतलब है स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइज, यानी ऐसे छोटे-मझोले व्यवसाय व्यवसाय जिनका सालाना टर्नओवर और संपत्ति बड़ी कंपनियों की तुलना में कम होती है।