जेनसोल के खिलाफ कॉरपोरेट मंत्रालय की जांच, नहीं बनाती थी इलेक्ट्रिक वाहन

मुंबई- मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स (MCA) ने जेनसोल इंजीनियरिंग के खिलाफ खुद-ब-खुद जांच शुरू कर दी है। सेबी के कंपनी के प्रमोटर्स पर बैन लगाने के बाद मंत्रालय ने ये जांच शुरू की है।

कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री जेनसोल के वित्तीय रिकॉर्ड और एक्सचेंज फाइलिंग की जांच कर रही है। दरअसल कंपनी पर 975 करोड़ रुपए के बिजनेस लोन का दुरुपयोग करने के आरोप हैं। जेनसोल के शेयर प्राइस में हेरा-फेरी और फंड डायवर्जन की शिकायतों के बाद सेबी ने जून 2024 में जांच शुरू की। जांच में सेबी ने पाया कि कंपनी के प्रमोटर्स ने पर्सनल यूज के लिए फंड का डायवर्जन किया। इसके बाद सेबी ने दोनों भाइयों को डायरेक्टर पोस्ट से हटा दिया। शेयर बाजार में कारोबार करने पर भी रोक लगा दी। इसके चलते कंपनी का शेयर इस साल करीब 85% गिर चुका है।

SEBI ने अपने ऑर्डर में कहा जेनसोल में कॉर्पोरेट गवर्नेंस पूरी तरह फेल हो गया। प्रमोटर्स ने इस लिस्टेड कंपनी को अपनी प्रॉपर्टी समझ लिया था। कंपनी का पैसा रिलेटेड पार्टीज में घुमाकर निजी जरूरतों पर उड़ाया गया। इसका नुकसान निवेशकों को उठाना पड़ेगा। पिछले 1 महीने में शेयर 48.17% टूट चुका है।

कंपनी ने इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (इरेडा) और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) जैसी संस्थाओं से 977.75 करोड़ रुपए का टर्म लोन लिया। इसमें से 664 करोड़ रुपए से 6,400 इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) खरीदना था, जिन्हें ब्लूस्मार्ट को लीज पर देना था।

कंपनी को अपनी तरफ से भी 20% मार्जिन (166 करोड़ रुपए) लगाना था। इस तरह, कुल 830 करोड़ रुपए EV खरीदने में खर्च होने थे। हालांकि, फरवरी 2025 तक ₹567.73 करोड़ मूल्य के केवल 4,704 व्हीकल ही खरीदे गए। ₹262.13 करोड़ का हिसाब नहीं हो पाया।

सेबी ने जांच में पाया कि जब भी ईवी खरीदने के लिए जेनसोल से गो-ऑटो में फंड ट्रांसफर किया गया, तो अधिकांश मामलों में या तो ये फंड कंपनी को वापस ट्रांसफर कर दिया गया या उन संस्थाओं को भेज दिया गया जो डायरेक्टली या इनडायरेक्टली जेनसोल के प्रमोटरों अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी से जुड़ी थी।

सेबी ने अनमोल सिंह के बैंक स्टेटमेंट का भी एनालिसिस किया। इसमें पाया गया कि अधिकांश फंड अन्य संबंधित पक्षों, परिवार के सदस्यों को ट्रांसफर कर गया या व्यक्तिगत खर्चों के लिए इस्तेमाल किया। इसमें लक्जरी फ्लैट खरीदना, ट्रेडिंग, गोल्फ सेट खरीदना शामिल है।

जेनसोल को अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी ने 2012 में बनाया था। सोलर एनर्जी कंसलटेंसी और इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) फर्म के रूप में इसकी शुरुआत हुई थी। इसने अपनी सब्सिडियरी ईवी राइड-हेलिंग प्लेटफ़ॉर्म ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी के जरिए ईवी लीजिंग और मैन्युफैक्चरिंग में विस्तार किया।

2019 में जेनसोल के शेयरों की लिस्टिंग एनएसई इमर्ज प्लेटफॉर्म पर हुई थी। इसके बाद 2023 में इसके शेयर नेशनल और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हुए। 7000 करोड़ रुपए की ऑर्डर बुक और बड़ते रेवेन्यू के साथ रिन्यूएबल एनर्जी और ईवी सेक्टर में लोगों के एक्साइटमेंट से शेयर 2022 से 2024 के बीच 2,600% चढ़ा।

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