सोने का आयात इस साल मार्च में 192 प्रतिशत बढ़कर 4.47 अरब डॉलर पर

मुंबई- चालू खाता घाटा पर असर डालने वाले सोना का आयात मार्च में 192 फीसदी बढ़कर 4.47 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी, 2024 में सोने का आयात 1.53 अरब डॉलर था। 2024-25 के दौरान आयात 27.27 प्रतिशत बढ़कर 58 अरब डॉलर रहा जो 2023-24 में 5.54 अरब डॉलर रहा था। देश के कुल आयात में सोने का हिस्सा 8 फीसदी है।

आंकड़ों के मुताबिक, वॉल्यूम के लिहाज से सोने का आयात 2024-25 में घटकर 757.15 टन रहा जो 2023-24 में 795.32 टन था। फरवरी में सोने का आयात लगभग 62 प्रतिशत कम रहा। जनवरी में 40.8 प्रतिशत और दिसंबर 2024 में 55.39 प्रतिशत की वृद्धि हुई। मार्च में चांदी का आयात 85.4 प्रतिशत घटकर 11.93 करोड़ डॉलर रह गया। यह 2024-25 में 11.24 प्रतिशत घटकर 4.82 अरब डॉलर रह गया। रत्न और आभूषण निर्यात 10.62 प्रतिशत बढ़कर लगभग 3 अरब डॉलर हो गया। हालांकि, 2023-24 में 32.7 अरब डॉलर से 8.84 प्रतिशत घटकर 2024-25 में 29.82 अरब डॉलर रह गया।

सोने के आयात में उछाल से देश का व्यापार घाटा (आयात और निर्यात के बीच का अंतर) मार्च में 21.54 अरब डॉलर पर पहुंच गया। पिछले वित्त वर्ष में यह 282.82 अरब डॉलर के सार्वकालिक उच्च स्तर को छू गया था। लगभग 40 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ स्विट्जरलैंड सोने का सबसे बड़ा आयातक है। इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात (16 प्रतिशत) और दक्षिण अफ्रीका (10 प्रतिशत) है।

सोने के आयात में वृद्धि से यह भी संकेत मिलता है कि निवेशकों का इस कीमती धातु पर भरोसा मजबूत है, क्योंकि यह एक सुरक्षित परिसंपत्ति है।
वैश्विक अनिश्चितताओं, केंद्रीय बैंकों की ओर से लगातार खरीदी और कीमतों में उछाल के कारण कीमतों में तेजी आ रही है। 17 अप्रैल को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोने की कीमत 70 रुपये बढ़कर 98,170 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। डॉलर के कमजोर होने, व्यापार युद्ध के बढ़ते तनाव और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ घोषणाओं के बाद वैश्विक आर्थिक विकास पर बढ़ती चिंताओं के कारण कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं।

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