पुराने घर के बदले रिडेवलपमेंट में घर लेंगे तो नहीं देना होगा कोई टैक्स

मुंबई- यदि आपका घर किसी बिल्डर ने रिडेवलपमेंट में लिया है और उसके बदले नया घर दिया है तो इस पर कोई टैक्स की देनदारी नहीं होगी। मुंबई आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण यानी आईटीएटी के पीठ सदस्यों बी.आर. भास्करन और संदीप गोसाईं ने हाल ही में एक फैसले में कहा, मौजूदा आवासीय फ्लैट के बदले में चल रहे पुनर्विकास आवासीय परियोजना में एक नया फ्लैट प्राप्त करना आयकर अधिनियम की धारा 56 के तहत कर योग्य नहीं है।

बेंच के अनुसार, यह पुराने फ्लैट के बदले अगर कोई बिल्डर नई बिल्डिंग में फ्लैट देता है तो इसमें किसी तरह का लाभ नहीं होता है। यानी केवल पुराने फ्लैट को नए फ्लैट से बदलने से कोई कर योग्य आय नहीं होती है। अनिल दत्ताराम पितले ने 1997-98 में एक सहकारी समिति में एक फ्लैट खरीदा था। डेवलपर के साथ समझौते के अनुसार, सोसायटी का पुनर्विकास किया गया। पितले को दिसंबर, 2017 में नया फ्लैट आवंटित किया गया था।

नए फ्लैट के लिए चुकाए गए स्टांप ड्यूटी मूल्य 25,17,700 रुपये था। पुराने फ्लैट की कीमत 5,43,040 रुपये थी। इस तरह इन दोनों के बीच 19,74,660 रुपये का अंतर था। इस अंतर को आयकर विभाग ने अन्य स्रोतों से आय के रूप में मानकर टैक्स लगा दिया था। इसके खिलाफ पितले ने आईटीएटी में अपील की। आईटीएटी के अनुसार, धारा 56(2)(एक्स) के प्रावधान वर्तमान मामले में लागू नहीं होंगे। इस स्थिति में इन लेनदेन के कारण करदाता पर कोई कर देयता नहीं होगी।

कानूनी जानकारों का मानना है कि यह फैसला निश्चित रूप से भविष्य में उन मकान मालिकों के लिए फायदेमंद होगा जो अपने मौजूदा घरों को नए आवासीय प्रोजेक्ट में आलीशान अपार्टमेंट के साथ बदलने पर विचार करेंगे। हालांकि पुराने फ्लैट को खत्म करना और पुराने फ्लैट के बदले नई संपत्ति प्राप्त करना टैक्स के दायरे में नहीं है, लेकिन भविष्य में नई संपत्ति की बिक्री से कैपिटल गेन टैक्स देना होगा।

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