फंड गबन में जेनसोल और प्रमोटरों पर सेबी ने लगाया कारोबार पर प्रतिबंध
मुंबई- पूंजी बाजार नियामक सेबी ने वित्तीय कुप्रबंधन और फंड गबन के कारण जेनसोल इंजीनियरिंग और उसके प्रमोटरों अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी पर कार्रवाई की है। बाजार नियामक ने प्रमोटरों, निदेशक या प्रमुख अधिकारियों को कार्य करने से अस्थायी रूप से रोक दिया है। साथ ही, जेनसोल और अन्य संस्थाओं को अगली सूचना तक प्रतिभूति बाजार में व्यापार करने से प्रतिबंधित कर दिया है।
सेबी ने यह आदेश शेयर मूल्य में हेरफेर और कर्ज चुकौती में चूक की शिकायतों के बाद दिया गया है। सेबी ने कहा, सूचीबद्ध कंपनी के रूप में जेनसोल में आंतरिक नियंत्रण और कॉरपोरेट गवर्नेंस के नियम पूरी तरह से ध्वस्त हैं। प्रवर्तक सूचीबद्ध सार्वजनिक कंपनी को ऐसे चला रहे थे जैसे कि वह कोई प्रोप्राइटरी फर्म हो।
जेनसोल ने इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए इरेडा और पीएफसी जैसी संस्थाओं से 975 करोड़ रुपये का लोन लिया था। हालांकि, इस पैसे का केवल एक हिस्सा ही इस उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया गया। जांच से पता चला है कि 200 करोड़ रुपये से अधिक की राशि एक कार डीलर के माध्यम से प्रमोटर से जुड़ी संस्थाओं को वापस भेजी गई। इसमें से कुछ का इस्तेमाल असंबंधित व्यक्तिगत खर्चों के लिए किया गया, जिसमें लग्जरी रियल एस्टेट खरीदना भी शामिल है। जेनसोल ने समय पर ऋण चुकौती का झूठा दावा करने के लिए क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए थे।