निफ्टी आगे 20,000 के नीचे जा सकता है, विशेषज्ञों ने बताए यह कारण
मुंबई- टैरिफ के बीच बाजारों में भारी उथल पुथल चल रही है। विश्लेषकों का मानना है कि सिर्फ इस वजह से निफ्टी 50 इंडेक्स 20,000 के नीचे नहीं जाएगा। हालांकि, अगर मार्च 2025 की तिमाही के कॉर्पोरेट नतीजे और कंपनी गाइडेंस उम्मीद से कमजोर रहे, तो निफ्टी 20,000 का स्तर छू सकता है।
निफ्टी को 21,000 के आसपास सपोर्ट मिल सकता है और वहां से थोड़ी रिकवरी संभव है। टैरिफ से जुड़ी ज्यादातर निगेटिव खबरें पहले ही मार्केट में शामिल हो चुकी हैं, इसलिए भारतीय बाजारों ने हाल की गिरावट में बाकी देशों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है।
फिलहाल की गिरावट भारतीय बाजार की कमजोरी की वजह से नहीं है, बल्कि ग्लोबल सेंटीमेंट की वजह से है। लेकिन आगे का रास्ता इस बात पर निर्भर करेगा कि कंपनियों के नतीजे कैसे आते हैं। अगर नतीजे और गाइडेंस कमजोर रहे, तो निफ्टी 20,000 तक गिर सकता है।
मंगलवार को निफ्टी में 300 पॉइंट्स (1.4%) की बढ़त देखने को मिली और इंडेक्स 22,475 तक पहुंच गया। इससे एक दिन पहले सोमवार को मार्केट में 742 पॉइंट्स (3.24%) की तेज गिरावट आई थी।
भारतीय शेयर बाजार बीते छह महीनों से गिरावट में हैं। इसकी वजह है – ज्यादा वैल्यूएशन, कमजोर नतीजे, विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली और अब ट्रंप की टैरिफ नीति। सितंबर 2024 में निफ्टी ने 26,277 का ऑल-टाइम हाई बनाया था, लेकिन अप्रैल 7 तक वह 17.3% टूट चुका है। पिछले 9 ट्रेडिंग सेशंस में निफ्टी 2,100 पॉइंट्स गिर चुका है और अब 20,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से केवल 1,750 पॉइंट्स ऊपर है।
टेक्निकल इंडिकेटर्स जैसे RSI, स्टोकास्टिक और MACD ने डेली चार्ट पर निगेटिव सिग्नल दिए हैं। इससे संकेत मिलता है कि निकट भविष्य में बाजार कमजोर रह सकता है। सोमवार की गिरावट ने 22,900 को नया रेजिस्टेंस बना दिया है।