महाकुंभ से 2.8 लाख करोड़ रुपये का कारोबार, रेलवे ने कमाए 17,700 करोड़

मुंबई। प्रयागराज में हाल में संपन्न हुए महाकुंभ मेले से 2.8 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है। डन एंड ब्रैडस्ट्रीट की रिपोर्ट के अनुसार, मेले में लाखों लोगों के एकत्र होने से भारी आर्थिक गतिविधि हुई। इसमें कुछ प्रत्यक्ष खर्च, कुछ अप्रत्यक्ष और कुछ प्रेरित खर्च भी शामिल हैं।

कंपनी ने कहा कि उसने इस कारोबार की हकीकत जानने के लिए डाटा संचालित दृष्टिकोण का उपयोग किया है। परिवहन, आवास, भोजन, पर्यटन सेवाएं और स्थानीय वाणिज्य सहित लोगों द्वारा किए गए खर्च (प्रत्यक्ष कारोबार) 90,000 करोड़ रुपये रहा है। होटल बुकिंग बढ़ने के कारण कपड़ों की मांग ज्यादा रही। इस पर कुल 80,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

कंपनी ने कहा कि कुंभ के प्रेरित प्रभाव के कारण स्थानीय अर्थव्यवस्था में खर्च में वृद्धि हुई है। इस कारण श्रमिकों ने आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और रोजाना की जरूरी वस्तुओं में पुनर्निवेश किया है। कंपनी ने कहा कि इससे 1.1 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा। खर्च वर्गीकरण के दृष्टिकोण से 2.3 लाख करोड़ रुपये उपभोग खर्च के रूप में जबकि शेष 50,000 करोड़ रुपये बुनियादी ढांचे के निर्माण पर पूंजीगत खर्च है।

अकेले परिवहन ने उपभोग खर्च में आधा योगदान दिया और यह 37,000 करोड़ रुपये आंका गया। इसमें से अकेले रेलवे ने 17,700 करोड़ रुपये कमाए। तीर्थयात्रियों ने हेलीकॉप्टर की सवारी, एटीवी की सवारी और साहसिक खेल, मनोरंजन पार्क में प्रवेश, योग सत्र और शहर भ्रमण जैसी मनोरंजक गतिविधियों पर 10,000 करोड़ रुपये खर्च किए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि खुदरा व्यापार में लगे करीब 2 लाख विक्रेताओं ने 7,000 करोड़ रुपये की गतिविधि की। खाद्य सेवाओं ने 6,500 करोड़ रुपये कमाए। अकेले चाय की दुकान के मालिकों ने कुंभ अवधि के दौरान रोजाना 30,000 रुपये तक की कमाई की, जबकि पूरी की दुकान के मालिकों ने औसतन 1,500 रुपये प्रतिदिन कमाए।

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