भारत ने सेमसंग से 5,154 करोड़ रुपये बकाए और जुर्माने की मांगी रकम
मुंबई- भारत सरकार ने सेमसंग और उसके अधिकारियों से 60.1 करोड़ डॉलर की मांग की है। आरोप है कि कंपनी ने देश में प्रमुख दूरसंचार उपकरणों के आयात पर टैरिफ से बचने के लिए हेराफेरी की थी। यह मांग भारत में सेमसंग के पिछले साल के 95.5 करोड़ डॉलर के शुद्ध लाभ का एक बड़ा हिस्सा है।
कंपनी अपने नेटवर्क विभाग के माध्यम से दूरसंचार उपकरणों का आयात करती है। कंपनी को मोबाइल टावरों में उपयोग किए जाने वाले महत्वपूर्ण ट्रांसमिशन कलपुर्जे पर 10 फीसदी या 20 फीसदी के टैरिफ से बचने के लिए आयात को गलत तरीके से वर्गीकृत करने के लिए 2023 में चेतावनी दी गई थी। सेमसंग ने उपरोक्त कलपुर्जों का आयात किया और रिलायंस जियो को बेचा। सेमसंग की जांच 2021 में तब शुरू हुई जब कर निरीक्षकों ने मुंबई और गुरुग्राम में इसके कार्यालयों की तलाशी में दस्तावेज, ईमेल और कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए।
सेमसंग ने भारत के कर प्राधिकरण पर जांच बंद करने का दबाव बनाया और कहा कि इन कलपुर्जों पर टैरिफ नहीं लगाया गया है। अधिकारियों को इसके वर्गीकरण की प्रक्रिया के बारे में कई वर्षों से पता था। हालांकि, सीमा शुल्क अधिकारियों ने कंपनी के इस दावे से असहमति जताई। सीमा शुल्क आयुक्त सोनल बजाज ने आदेश में कहा, सेमसंग ने भारतीय कानूनों का उल्लंघन किया है और सीमा शुल्क प्राधिकरण के समक्ष निकासी के लिए जानबूझकर झूठे दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं।
बजाज ने कहा, अपना लाभ बढ़ाने के लिए सेमसंग ने सरकारी खजाने को चूना लगाया। कंपनी ने व्यावसायिक नैतिकताओं और उद्योग मानकों का उल्लंघन किया। सेमसंग को 44.6 अरब रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया गया। इसमें बकाया कर और 100 फीसदी जुर्माना शामिल है।
भारत में कंपनी के सात अधिकारियों पर 8.1 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगा है। इनमें नेटवर्क विभाग के उपाध्यक्ष सुंग बीम हांग, मुख्य वित्तीय अधिकारी डोंग वोन चू, महाप्रबंधक शीतल जैन तथा सेमसंग के अप्रत्यक्ष करों के महाप्रबंधक निखिल अग्रवाल शामिल हैं। कंपनी ने कहा, उसने भारतीय कानूनों का पालन किया है। हम कानूनी विकल्पों का आकलन कर रहे हैं।
सेमसंग विवाद रिमोट रेडियो हेड के आयात पर केंद्रित है। यह एक रेडियो-फ्रीक्वेंसी सर्किट है जो छोटे आउटडोर मॉड्यूल में संलग्न होता है। इसे 4जी दूरसंचार प्रणालियों के सबसे महत्वपूर्ण भागों में माना जाता है। 2018 से 2021 तक सेमसंग ने कोरिया और वियतनाम से 78.4 करोड़ डॉलर मूल्य के कलपुर्जों के आयात पर कोई बकाया नहीं चुकाया।