वित्त वर्ष 2025-26 में खुदरा महंगाई औसतन चार फीसदी रहने की उम्मीद

मुंबई- अमेरिकी निवेश बैंक एवं वित्तीय सेवा कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की खुदरा महंगाई औसतन चार प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई है। इसका मतलब है कि आने वाले महीनों में आरबीआई नीतिगत ब्याज दरों में 0.75 प्रतिशत की कटौती कर सकता है, जबकि पहले 0.50 प्रतिशत कटौती का अनुमान जारी किया गया था।

मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी के कारण महंगाई में नरमी से अतिरिक्त कटौती की गुंजाइश बनती है। रिपोर्ट के अनुसार, लगातार दो महीने (जनवरी और फरवरी में) मुद्रास्फीति दर अनुमानों से कम रही है। ऐसे में रेपो दर में अप्रैल में 0.25 फीसदी की कटौती हो सकती है। 31 मार्च को समाप्त होने वाली तिमाही के लिए हमारा पहले का अनुमान 4.3 प्रतिशत से घटकर औसतन चार प्रतिशत रह सकता है।

फरवरी में सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति 3.61 प्रतिशत रही। छह महीने में पहली बार यह आरबीआई के चार प्रतिशत के लक्ष्य से नीचे आई है। खाद्य मुद्रास्फीति पिछले 12 महीने में समग्र महंगाई दर से ज्यादा रही है।

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