देश के शीर्ष आठ शहरों में मकानों की कीमतें एक साल में 10 पर्सेंट से ज्यादा बढ़ीं

मुंबई- मांग में तेजी और पॉजिटिव मार्केट सेंटीमेंट की वजह से भारत के टॉप आठ मार्केट में आवास की औसत कीमतों में 2024 की अंतिम तिमाही के दौरान सालाना आधार पर 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 2021 से शुरू होकर लगातार 16वीं तिमाही में आवास की औसत कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई।

क्रेडाई-कोलियर्स-लायसेस फोरास की रिपोर्ट के अनुसार, सभी आठ प्रमुख शहरों में कीमतें बढ़ीं। 2024 की चौथी तिमाही में दिल्ली-एनसीआर में सालाना आधार पर 31 प्रतिशत की सबसे अधिक वृद्धि देखी गई। इसके बाद बेंगलुरु में 23 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

रिपोर्ट में बताया गया कि ‘किफायती आवास सेगमेंट’ आवास बिक्री का बड़ा हिस्सा बना रहेगा, लेकिन 2025 में लग्जरी और अल्ट्रा-लग्जरी सेगमेंट में मांग और बढ़ सकती है। कुल मिलाकर अनबिकी इन्वेंट्री में लगातार चौथी तिमाही में गिरावट जारी रही और स्वस्थ मांग के कारण 2024 की चौथी तिमाही के दौरान सालाना आधार पर 5 प्रतिशत की गिरावट आई।

दिसंबर के अंत में, भारत के स्तर पर अनबिकी इन्वेंट्री पिछले दो वर्षों में पहली बार 10 लाख आवास इकाइयों से नीचे थी। मुंबई महानगर क्षेत्र (मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन) 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ, अनबिकी इन्वेंट्री में एक बड़ा भागीदार रहा।

विशेष रूप से, पुणे में अनबिकी इन्वेंट्री में सबसे अधिक वार्षिक गिरावट 14 प्रतिशत देखी गई, इसके बाद हैदराबाद में 13 प्रतिशत की गिरावट आई।
आवास की कीमतों में निरंतर वृद्धि घर खरीदारों के बीच मजबूत आत्मविश्वास को दर्शाता है, जो बड़े घरों में रहने और लाइफस्टाइल अपग्रेड को प्राथमिकता देने से जुड़ा है।

इस सकारात्मक रुझान के पूरे साल जारी रहने और आगे भी बने रहने की उम्मीद है, जिससे घर खरीदने वालों के लिए रियल एस्टेट में निवेश करने का यह एक सही समय बन गया है। इसके अलावा, हाल ही में रेपो रेट में कमी के साथ-साथ स्ट्रेस्ड आवासीय प्रोजेक्ट को फंडिंग की सरकारी पहल से किफायती आवास सेगमेंट को बढ़ावा मिलेगा।

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