दूसरी छमाही में वाहनों की बिक्री व ई-वे बिल से आर्थिक गतिविधियों में तेजी
मुंबई- वाहनों की बिक्री, हवाई यातायात, स्टील खपत और जीएसटी ई-वे बिल जैसे संकेतकों से चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में आर्थिक गतिविधियों में तेजी बनी हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक ने बुलेटिन में कहा, अमेरिकी आर्थिक और व्यापार नीति से प्रेरित मजबूत डॉलर से उभरती अर्थव्यवस्थाओं से पूंजी की निकासी बढ़ सकती है। इससे जोखिम बढ़ने का अंदेशा है।
आरबीआई ने बुलेटिन में कहा, आर्थिक गतिविधियों की गति बरकरार रहने की उम्मीद है। कृषि क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन से मजबूत ग्रामीण मांग को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। केंद्रीय बजट 2025-26 में घोषित बड़ी आयकर राहत से महंगाई में गिरावट के साथ खपत आय में वृद्धि को देखते हुए शहरी मांग भी सुधार के लिए तैयार है। विकास के चार इंजनों – कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बजट उपायों से भारतीय अर्थव्यवस्था की मध्यम अवधि की विकास संभावनाओं को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
लेख में कहा गया है कि उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की ओर से बिकवाली का दबाव और मजबूत अमेरिकी डॉलर के कारण मुद्रा में गिरावट देखी जा रही है। वैश्विक अर्थव्यवस्था तेजी से विकसित हो रहे राजनीतिक और तकनीकी परिदृश्य के बीच विभिन्न देशों में अलग-अलग दृष्टिकोण के साथ स्थिर लेकिन मध्यम गति से बढ़ रही है।

