बैंक डूबे तो जमा पर पांच लाख रुपये से ज्यादा का मिल सकता है बीमा कवर
मुंबई- बैंकों के दिवालिया होने पर अब ग्राहकों को 5 लाख रुपये से ज्यादा की रकम मिल सकती है। इस बारे में केंद्र सरकार विचार कर रही है। इससे बैंक डूबने की स्थिति में ग्राहकों के जमा को बेहतर सुरक्षा मिल सकेगी। वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम नागराजू ने कहा, जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) के तहत अभी प्रति बैंक प्रति जमाकर्ता को पांच लाख रुपये मिलते हैं।
नागराजू ने मुंबई में एक कार्यक्रम में कहा, जब भी सरकार मंजूरी देगी, हम इसे अधिसूचित करेंगे। यह सरकार के पास विचाराधीन है। गौरतलब है कि पंजाब एंड महाराष्ट्र (पीएमसी) बैंक घोटाले के बाद 2020 में बीमा सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया था। न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के 1.3 लाख जमाकर्ताओं में से 90 फीसदी की पूरी रकम बीमा के तहत कवर है।
डीआईसीजीसी आरबीआई की सहायक कंपनी है जो जमा पर बीमित रकम का देखरेख करती है। इसके तहत बचत खाते, फिक्स्ड, चालू खाते और आवर्ती जमा को कवर किया जाता है। डीआईसीजीसी को बीमा कवरेज के लिए बैंकों से प्रीमियम प्राप्त होता है। इसमें भारत में कार्यरत विदेशी बैंकों की शाखाओं सहित सभी वाणिज्यिक बैंक शामिल हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में 1,432 करोड़ रुपये के दावों का निपटान किया गया जो पूरी तरह से सरकारी बैंक के दावे थे।
आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा, सहकारी बैंकिंग क्षेत्र आरबीआई की निगरानी में अच्छी तरह से विनियमित है और उन्होंने क्षेत्र के समग्र स्वास्थ्य को मजबूत बताया। एक बैंक पर संकट के कारण पूरे बैंकिंग क्षेत्र पर संदेह नहीं करना चाहिए। दोषी संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करना नियामक का काम है।