फास्टैग का नया नियम आज से, ऐसा नहीं किया तो लगेगा अतिरिक्त जुर्माना
मुंबई- फास्टैग का नया नियम सोमवार से लागू होने जा रहा है। इसके तहत जिन भी ग्राहक के फास्टैग में कम बैलेंस, भुगतान में देरी या फिर फास्टैग ब्लैकलिस्ट होगा, उन पर अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा। इस नियम को लागू करने के पीछे सरकार का उद्देश्य फास्टैग में होने वाली परेशानी के कारण टोल पर लगने वाली गाड़ियों की लंबी कतारों को कम करना है।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने फास्टैग इकोसिस्टम में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव जारी किए हैं, जिसका लक्ष्य टोल भुगतान को सुव्यवस्थित करना, विवादों को कम करना और धोखाधड़ी पर अंकुश लगाना है। नए नियमों के तहत, अगर गाड़ी के टोल पार करने से पहले फास्टैग 60 मिनट से अधिक समय तक और टोल पार करने के 10 मिनट बाद तक निष्क्रिय रहता है, तो लेनदेन अस्वीकार कर दिया जाएगा। सिस्टम इस तरह के पेमेंट को ‘एरर कोड 176 लिखकर रिजेक्ट कर देगा।
टोल भुगतान को सरल बनाने और विवादों को कम करने के लिए चार्जबैक प्रक्रिया और कूलिंग अवधि के साथ-साथ लेनदेन अस्वीकार नियमों में भी बदलाव किए गए हैं। अगर वाहन के टोल रीडर से गुजरने के बाद टोल लेन-देन 15 मिनट से अधिक समय में किया जाता है, तो फास्टैग यूजर्स को अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है। यदि किसी लेनदेन में देरी होती है और यूजर्स के फास्टैग खाते में कम बैलेंस है, तो टोल ऑपरेटर को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
पहले यूजर्स टोलबूथ पर ही फास्टैग रिचार्ज करके आगे जा सकते थे।
नए नियम के बाद अब यूजर्स को फास्टैग को पहले रिचार्ज करना होगा। दिसंबर में फास्टैग लेनदेन की संख्या 6 प्रतिशत बढ़कर 38.2 करोड़ हो गई है, जो कि नवंबर में 35.9 करोड़ थी। लेनदेन का मूल्य इसी दौरान 9 प्रतिशत बढ़कर 6,642 करोड़ रुपये हो गया, जो नवंबर में 6,070 करोड़ रुपये था।