बाजार की गिरावट का दिखा असर, दिसंबर में 44 लाख म्यूचुअल फंड खाते बंद

मुंबई- बाजार की मौजूदा स्थिति से लोग टेंशन में हैं। नए निवेशकों को ढूंढना मुश्किल है। दिसंबर में 54 लाख नए SIP खाते खुले। वहीं, 44 लाख बंद भी हो गए। निवेशक अनिश्चित दिख रहे हैं। वे अपना पैसा एक फंड से दूसरे फंड में घुमा रहे हैं। पिछले कुछ सालों के प्रदर्शन पर फोकस किया जा रहा है। यह आत्मविश्वास की कमी दर्शाता है। वे सिर्फ पिछले रिटर्न का पीछा कर रहे हैं।

भारत में SIP का विश्लेषण अक्सर पिछली घटनाओं के आधार पर किया जाता है। यह भविष्य के प्रदर्शन की गारंटी नहीं देता है। बाजार में 7, 8, 10 साल के लंबे मंदी के दौर थे, बाजार बहुत सस्ते थे। कहा जाता है कि अगर आप उस स्तर पर पैसा लगाते तो जाहिर है कि आज आप बहुत अमीर होते। मुद्दा यह है कि क्या उस समय ऐसे निवेशक नहीं थे जो जानते थे कि बाजार पैसा बढ़ा सकता है? शायद थे। लेकिन, उस समय इसे स्वीकार करना बहुत मुश्किल था।

अर्थव्यवस्था 60 वर्षों से बहुत अच्छा काम कर रही है। बाजार धूम मचा रहा है। भारत में भी SIP का मामला बहुत कमजोर है। ये सीमित पॉइंट हैं। लेकिन, इस घटना के बारे में बहुत सतर्क रहने की जरूरत है कि यह लंबी अवधि में काम करती है।

दिसंबर में 54 लाख नए SIP खाते खोले गए, लेकिन 44 लाख खाते बंद भी कर दिए गए। यह दिखाता है कि निवेशकों को भी यकीन नहीं है। वे पिछले दो साल, तीन साल और यहां तक कि पिछले एक साल को देखते हुए इस फंड से उस फंड में पैसा लगा रहे हैं।

दरअसल, विदेशी संस्‍थागत निवेशकों (एफआईआई) की भारी बिकवाली के बीच घरेलू निवेशकों की लिवाली से बाजार की गिरावट पर कुछ हद तक अंकुश लगा है। बीते कुछ सालों में सिप के जरिये बाजार में घरेलू निवेशकों का पैसा लगा है। इसने बाजार को स्थिरता दी है। लेकिन, बाजार की लगातार गिरावट के बीच अब यही भरोसा डगमगाता दिख रहा है।

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