आर्थिक मंदी का असर, शेवरॉन 8,000 लोगों को निकालेगी, 2026 तक होगी पूरी

मुंबई- ह्यूस्टन की तेल कंपनी शेवरॉन 8,000 कर्मचारियों की छंटनी करने की योजना बना रही है। यह इसके कुल 40,000 कार्यबल का करीब 20 फीसदी हिस्सा होगा। कंपनी का लक्ष्य अगले साल के अंत तक लागत में तीन अरब डॉलर तक की कटौती करना है। इसके लिए सबसे पहले कर्मचारियों को निकालेगी। छंटनी इस साल शुरू होगी और 2026 तक पूरी हो जाएगी।

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, शेवरॉन दक्षता और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देने के लिए परिचालन को सुव्यवस्थित कर रही है। इसमें अपने पोर्टफोलियो को अनुकूलित करना, प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना और वैश्विक कार्य केंद्रों का विस्तार करना शामिल है। इन निर्णयों को हल्के में नहीं लिया गया है, और हम बदलाव के दौरान कर्मचारियों का समर्थन करेंगे।

दूसरी सबसे बड़ी अमेरिकी तेल कंपनी शेवरॉन ने पिछले साल अपना मुख्यालय कैलिफोर्निया के सैन रेमन से हटाकर ह्यूस्टन स्थानांतरित कर दिया था। हालांकि, सैन रेमन में इसकी मजबूत उपस्थिति बनी हुई है।

जर्मनी का कॉमर्जबैंक 3,900 कर्मचारियों को निकालेगा। बैंक ने कहा, नौकरी में कटौती मुख्य रूप से जर्मनी में और 2028 तक पूरी होने की उम्मीद है। हालांकि, देश के बाहर नियुक्तियां होती रहेंगी। इसका अर्थ यह है कि बैंक की कुल कर्मचारियों की संख्या 36,700 पर स्थिर रहेगी। कॉमर्जबैंक का प्रबंधन कई महीने से इस रणनीति पर काम कर रहा है।

देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक को उम्मीद है कि उसकी घोषणाओं से उसके निवेशकों को विश्वास हो जाएगा कि वह एक स्वतंत्र कंपनी के रूप में विकसित हो सकता है। कॉमर्जबैंक आंशिक रूप से राज्य के स्वामित्व में है। बैंक ने 2027 में 3.8 अरब यूरो के शुद्ध लाभ का लक्ष्य रखा है, जो पिछले लक्ष्य 3.6 अरब यूरो से अधिक है।

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