हिंडनबर्ग ने इसलिए अदाणी को लिया था निशाने पर, अब हो गई कंपनी बंद
मुंबई- अमेरिकी रिसर्च एवं इनवेस्टमेंट कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट के कारण अडानी ग्रुप का मार्केट कैप 150 अरब डॉलर गिर गया था। हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया है कि उन्होंने अडानी ग्रुप को क्यों निशाना बनाया। अब बंद हो चुकी इस कंपनी के फाउंडर नैट एंडरसन ने कहा कि वह अपनी कंपनी का कारोबार किसी कानूनी या अन्य खतरे के कारण नहीं समेट रहे हैं और वह कंपनी द्वारा जारी की गई सभी रिपोर्ट पर अब भी कायम हैं।
एंडरसन ने बताया कि हिंडनबर्ग की जनवरी 2023 में अडानी ग्रुप के खिलाफ आई रिपोर्ट मीडिया में ग्रुप के खिलाफ प्रसारित खबरों का परिणाम थी। हिंडनबर्ग ने इसे कॉर्पोरेट इतिहास की सबसे बड़ी धोखाधड़ी बताया था। गौतम अडानी और उनके ग्रुप के खिलाफ रिपोर्ट जारी करने के बाद हिंडनबर्ग रिसर्च भारत में चर्चा में आ गई थी। हालांकि अडानी ग्रुप ने रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों का बार-बार खंडन किया है।
एंडरसन ने कुछ लोगों द्वारा हिंडनबर्ग को ओसीसीआरपी और जॉर्ज सोरोस जैसे कथित भारत विरोधी समूहों के साथ जोड़ने के प्रयासों को मूर्खतापूर्ण षड्यंत्र करार दिया। एंडरसन ने कई कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए कई विस्तृत रिपोर्ट पेश की हैं। हालांकि उन्होंने पिछले महीने अपनी इस कंपनी का कारोबार समेटने की घोषणा की थी।
हिंडनबर्ग का कारोबार समेटने का निर्णय लेने के बजाय कंपनी की बागडोर किसी और को सौंपने के विकल्प का चुनाव नहीं करने के बारे पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, ‘मुझे ब्रांड से अलग करने का कोई तरीका नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘हिंडनबर्ग मूल रूप से मेरा पर्याय है। अगर यह कोई सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन या साइकिल कारखाना होता तो आप एप्लीकेशन या कारखाना बेच सकते थे। लेकिन, जब यह मेरे द्वारा किया गया अनुसंधान है, तो आप वास्तव में इसे किसी और को नहीं दे सकते।
एंडरसन पहली बार इलेक्ट्रिक ट्रक कंपनी निकोला के खिलाफ एक रिपोर्ट के कारण चर्चा में आए थे। उन्होंने कार्ल इकान की इकान एंटरप्राइजेज एल.पी. सहित प्रमुख वित्तीय हस्तियों की कंपनियों पर भी हमला बोला था। पिछले आठ वर्षों में से अधिकतर समय उन्होंने हमेशा अगली लड़ाई की तैयारी में बिताया।
हिंडनबर्ग ने जनवरी 2023 में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें अडानी ग्रुप पर ‘कॉरपोरेट इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला करने’ का आरोप लगाया गया था। ग्रुप पर शेयरों के भाव में हेराफेरी तथा वित्तीय गड़बड़ियों का आरोप लगाया गया था। इस रिपोर्ट के आने के बाद ग्रुप की कंपनियों के मार्केट कैप में 150 अरब डॉलर की गिरावट आई थी। अडानी ग्रुप ने हालांकि इन सभी आरोपों का खंडन किया था। अडानी के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने भारत में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया था।
एंडरसन ने कहा, ‘हमने हमेशा भारत की क्षमता पर विश्वास किया है और बाजार पारदर्शिता व मजबूत कॉर्पोरेट प्रशासन को ऐसे प्रमुख कारक के रूप में देखा है जो भारत की विकास गाथा को गति दे सकते हैं।’ हालांकि, उन्होंने इस बारे में विस्तार से कोई बात नहीं कही।