खुदरा निवेशक भी एल्गो ट्रेडिंग में हो सकेंगे शामिल, एक अगस्त से नियम लागू
मुंबई-खुदरा निवेशक भी एल्गोरिथम ट्रेडिंग (एल्गो ट्रेडिंग) में शामिल हो सकते हैं। इससे तेजी से ऑर्डर पूरा होगा और बेहतर तरलता का लाभ मिलेगा। अभी केवल संस्थागत निवेशकों को ही एल्गो ट्रेडिंग करने की अनुमति है। इसे एक अगस्त से लागू किया जाएगा।
सेबी ने मंगलवार को कहा, साथ ही उसने एक ऐसा ढांचा भी लाया है जिससे निवेशकों, दलालों, एल्गो प्रदाताओं/विक्रेताओं और मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस (एमआईआई) जैसे मुख्य हितधारकों के अधिकार और जिम्मेदारी स्पष्ट हो सके, ताकि खुदरा निवेशक एल्गो सुविधाओं का लाभ उठा सकें। सेबी ने कहा, निवेशकों के हितों के साथ-साथ बाजार की अखंडता की रक्षा के लिए उचित जांच और संतुलन सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा नियामक ढांचे की समीक्षा करने का निर्णय लिया गया है।
ढांचे के तहत, खुदरा निवेशकों को केवल पंजीकृत ब्रोकरों से मंजूर एल्गो तक पहुंच मिलेगी जो इन निवेशकों के हितों की रक्षा करेगी। एल्गो ट्रेडिंग की सुविधा स्टॉक ब्रोकर द्वारा प्रत्येक एल्गो के लिए स्टॉक एक्सचेंज से मंजूरी मिलने के बाद ही प्रदान की जाएगी। सभी एल्गो ऑर्डर को एक्सचेंज द्वारा प्रदान किए गए एक विशिष्ट पहचानकर्ता के साथ टैग किया जाएगा और ब्रोकर स्वीकृत एल्गो में किसी भी संशोधन या बदलाव के लिए एक्सचेंज से मंजूरी मांगेगा।
ब्रोकर एल्गो ट्रेडिंग से संबंधित निवेशकों की शिकायतों को सुलझाने के लिए एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) की निगरानी के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे। बेहतर निरीक्षण के लिए एपीआई के माध्यम से दलालों के साथ एल्गो ऑर्डर देने की सुविधा प्रदान करने वाले किसी भी एल्गो प्रदाता को एक्सचेंजों के साथ सूचीबद्ध होने की जरूरत होगी।
खुदरा निवेशकों द्वारा स्वयं प्रोग्रामिंग ज्ञान का उपयोग करके विकसित किए गए अल्गोज को भी उनके ब्रोकर के माध्यम से एक्सचेंज के साथ पंजीकृत किया जाएगा। यह तभी होगा, जब वे स्टॉक एक्सचेंज द्वारा तय ऑर्डर प्रति सेकंड की सीमा को पार कर जाते हैं। एक्सचेंज एल्गोरिदम ट्रेडिंग की निगरानी करने और यह निरीक्षण करने के लिए जिम्मेदार होंगे कि ब्रोकरों के पास एल्गो और गैर-एल्गो ऑर्डर के बीच अंतर करने की क्षमता है।
एल्गो ट्रेडिंग के तहत आपकी जगह एक सॉफ्टवेयर शेयर पर पूरी नजर रखता है। मौका आते ही खरीद या बिक्री का ऑर्डर लगा देता है। एल्गो ट्रेडिंग में ट्रेडिंग सिग्नल्स जनरेट करने और ब्रोकर के साथ खरीदी या बिक्री ऑर्डर्स डालने के लिए एल्गोरिदम्स को ऑटोमेटेड तरीके से उपयोग किया जाता है। इसमें कंप्यूटर एल्गोरिदम का उपयोग करके तेज और सटीक लेन-देन करता है। इसमें किसी भी आदमी का हस्तक्षेप नहीं होता है।