हिंडनबर्ग-अदाणी का असर, सेबी प्रमुख बुच को नहीं मिलेगा विस्तार, नए की तलाश शुरू
मुंबई- स्टॉक मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की चीफ माधबी पुरी बुच का कार्यकाल अगले महीने समाप्त हो रहा है। वित्त मंत्रालय ने नए चेयरमैन की नियुक्ति के लिए एप्लिकेशन मांगी है। दरअसल, हिंडनबर्ग और अदाणी के मामलों में बुच पर आरोप लगे थे। कांग्रेस ने इस मुद्दे को जमकर उठाया। सूत्र बताते हैं कि यही कारण है कि सरकार किरकिरी से बचने के लिए बुच को एक्सटेंशन नहीं दे रही है।
बुच से पहले अजय त्यागी, उनसे पहले यूके सिन्हा और अन्य कई चेयरमैन को कई बार विस्तार मिला है। सिन्हा तो 6 साल चेयरमैन रहे और वे दूसरे सबसे लंबे समय तक चेयरमैन रहने का रिकॉर्ड भी हासिल किए। बुच का कार्यकाल 3 साल का था। उन्होंने 2 मार्च 2022 को अजय त्यागी की जगह ली थी। बुच 2017 से 2022 तक SEBI में होल-टाइम मेंबर थीं।
अगले सेबी चीफ का कार्यकाल अधिकतम 5 साल या 65 साल की उम्र तक का होगा। इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार के सेक्रेटरी के बराबर सैलरी और बाकी सुविधाएं मिलेंगी या बिना कार और घर के 5,62,500 रुपए हर महीने सैलरी मिलेगी।
बुच ने करियर 1989 में ICICI बैंक से शुरू किया था। 2007 से 2009 तक ICICI बैंक में एग्जीक्युटिव डायरेक्टर थीं। वे फरवरी 2009 से मई 2011 तक ICICI सिक्योरिटीज की मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO थीं। 2011 में सिंगापुर चली गईं और वहां उन्होंने ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल में काम किया। माधबी के पास फाइनेंशियल सेक्टर में 30 सालों का लंबा अनुभव है।