जनऔषधि केंद्रों के जरिये देश के लोगों ने बचाया 5,020 करोड़ रुपये से ज्यादा

मुंबई- जन औषधि केंद्रों ने नवंबर 2024 के अंत तक 1,255 करोड़ रुपये की दवाएं बेचीं। इससे लोगों को लगभग 5,020 करोड़ रुपये की बचत हुई। रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। वित्त वर्ष 2024-25 में पीएमबीआई ने नवंबर अंत तक 1,255 करोड़ की बिक्री की।

पीएमबीआई का पूरा नाम भारतीय औषधि और चिकित्सा उपकरण ब्यूरो है। यह फार्मास्यूटिकल्स विभाग के अंतर्गत आता है। जन औषधि केंद्र मोदी सरकार की पहल का हिस्‍सा हैं। इनका उद्देश्य आम लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराना है। इन केंद्रों पर जेनेरिक दवाएं ब्रांडेड दवाओं की तुलना में काफी कम कीमत पर बेची जाती हैं।

लोग अब ब्रांडेड दवाओं की बजाय जेनेरिक दवाओं को तवज्‍जो दे रहे हैं, जो उनकी जेब पर कम बोझ डालती हैं। यह सरकार की इस पहल की सफलता का एक मजबूत संकेत है। सबसे पहला इन केंद्रों में जेनेरिक दवाएं ब्रांडेड दवाओं की तुलना में काफी सस्ती होती हैं। दूसरा, सरकार गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कड़े मानकों का पालन करती है।

चालू वित्त वर्ष 2024-25 में फार्मास्यूटिकल्स विभाग के तहत पीएमबीआई की बिक्री नवंबर के अंत तक 1,255 करोड़ रुपये रही। मॉरीशस में पहला विदेशी जन औषधि केंद्र खोला गया। फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने भी चालू वित्त वर्ष के दौरान 500 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ दवा उद्योग को मजबूत करने के लिए एक योजना लागू की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *