आरबीआई गवर्नर बोले ऊंची महंगाई गरीबों पर बोझ डालती है, इससे खरीदी घटती है
मुंबई- स्थिर महंगाई सतत आर्थिक विकास के लिए आधारशिला की तरह है। ऐसा होने से क्रय शक्ति में सुधार होता है। निवेश के लिए एक स्थिर वातावरण बनता है। भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, मूल्य स्थिरता लोगों और अर्थव्यवस्था के सर्वोत्तम हित में है।
ग्लोबल साउथ के केंद्रीय बैंकों के सम्मेलन में दास ने कहा, भारत में मजबूत विकास ने आरबीआई को महंगाई पर ध्यान केंद्रित करने का मौका दिया है, ताकि इसे चार प्रतिशत के लक्ष्य तक लाया जा सके। लंबे समय मेंमूल्य स्थिरता निरंतर उच्च वृद्धि का समर्थन करती है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि उच्च मुद्रास्फीति गरीबों पर असंगत रूप से बोझ डालती है।
दास ने कहा, प्रभावी राजकोषीय मौद्रिक समन्वय के माध्यम से आपूर्ति पक्ष मुद्रास्फीति के प्रबंधन में भारतीय अनुभव ग्लोबल साउथ के सभी केंद्रीय बैंकरों के लिए सीखने का एक उदाहरण हो सकता है। जब आरबीआई ने अप्रैल 2023 में नीतिगत दर में 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद इस पर रोक लगाया तो केंद्रीय बैंक को बाजार की उम्मीदों को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण था।
दास ने कहा, वैश्विक अर्थव्यवस्था पिछले कुछ वर्षों के तूफानी मौसम में अपनी पकड़ बनाए रखने में कामयाब रही है, लेकिन अनिश्चितता के बादल अभी भी मंडरा रहे हैं। बढ़ी हुई अनिश्चितता के इस माहौल में नीति निर्माण बाधाओं से भरे कोहरे वाले रास्ते पर कार चलाने के समान है। ये ऐसी स्थितियाँ हैं जो ड्राइवर के धैर्य और कौशल की परीक्षा लेंगी। जब हमारे समय का इतिहास लिखा जाएगा तो पिछले कुछ वर्षों के अनुभव और सीख केंद्रीय बैंकिंग के विकास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होंगे।