आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रमुख चंदा और उनके पति को सीबीआई का नोटिस
मुंबई- सुप्रीम कोर्ट ने ICICI बैंक की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को नोटिस जारी कर उनकी गिरफ्तारी को अवैध बताने वाले बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर जवाब मांगा है।
दरअसल, बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस साल 6 फरवरी को लोन फ्रॉड मामले में चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की गिरफ्तारी को अवैध बताया था। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा था कि CBI ने चंदा और दीपक कोचर की गिरफ्तारी बिना दिमाग लगाए और कानून का उचित सम्मान किए बिना की है।
जस्टिस संजीव खन्ना और संजय कुमार की पीठ ने दोनों को नोटिस जारी किया और CBI की ओर से दायर अपील पर उनसे जवाब मांगा। चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को CBI ने 23 दिसंबर, 2022 को वीडियोकॉन-ICICI बैंक लोन मामले में गिरफ्तार किया था।
वीडियोकॉन-ICICI बैंक लोन मामले में CBI ने 23 दिसंबर 2022 को चंदा और दीपक को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्होंने तुरंत गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का रुख किया और इसे अवैध घोषित करने की मांग की थी। इसके अलावा अंतरिम आदेश के माध्यम से जमानत पर रिहा करने की मांग भी की थी।
9 जनवरी 2023 को अदालत ने एक अंतरिम आदेश में कोचर को जमानत दे दी थी। यह देखते हुए कि CBI ने लापरवाही से और बिना दिमाग लगाए गिरफ्तारी की थी। वहीं 6 फरवरी के आदेश में बेंच ने कहा कि क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (CrPC) की धारा 41A को नियमित गिरफ्तारी से बचने के लिए पेश किया गया था।
दीपक और चंदा कोचर पर आरोप है कि उन्होंने ICICI बैंक की ओर से वीडियोकॉन को दिए गए लोन के जरिए फ्रॉड किया। ये लोन बाद में नॉन परफॉर्मिंग एसेट में बदल गए। इस मामले में दीपक और चंदा कोचर के खिलाफ CBI, ED, SFIO और आयकर विभाग जांच कर रहे हैं। इसमें साल 2012 में वीडियोकॉन को दिया 3250 करोड़ रुपए का लोन शामिल है।