विदेशी निवेशकों ने अदाणी ग्रुप के शेयरों जमकर की मुनाफावसूली, यह है कारण

मुंबई-अडानी ग्रुप के शेयरों में आई तेजी का फायदा उठाते हुए विदेशी निवेशकों ने जून तिमाही में जमकर मुनाफावसूली की। ताजा आंकड़ों के मुताबिक विदेशी निवेशकों ने जून तिमाही में अडानी ग्रुप की दस कंपनियों में से नौ में अपनी हिस्सेदारी कम कर दी। इस दौरान देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी ने अंडरपरफॉर्म करने वाले अडानी ग्रुप के दो शेयरों अडानी एनर्जी और अडानी एंटरप्राइजेज में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई।

इस साल अडानी ग्रुप के शेयरों में अडानी पोर्ट्स की प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है। इस शेयर में इस कैलेंडर वर्ष में 45% तेजी आई है। इसके अलावा अडानी पावर, अंबूजा सीमेंट्स और एसीसी ने भी अच्छा परफॉर्म किया है जबकि एनडीटीवी, अडानी टोटल गैस और अडानी विलमर ने निगेटिव रिटर्न दिया है।

अडानी ग्रुप के 10 शेयरों के शेयरहोल्डिंग पैटर्न पर नजर डालें तो जून तिमाही में एफआईआई ने अडानी एंटरप्राइजेज में अपनी हिस्सेदारी 268 बेसिस पॉइंट कम की है। इसी तरह उन्होंने अडानी एनर्जी में 196 बीपीएस, अंबूजा सीमेंट्स में 150 बेसिस पॉइंट, अडानी पावर में 118 बीपीएस और अडानी ग्रीन एनर्जी में 124 बीपीएस हिस्सेदारी बेची है। विदेशी निवेशकों ने जून तिमाही में केवल अडानी पोर्ट्स में अपनी हिस्सेदारी में 21 बीपीएस का इजाफा किया है।

दूसरी ओर देश की सबसे बड़ी संस्थागत निवेशक एलआईसी ने एसीसी, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पोर्ट्स और अडानी टोटल गैस में अपनी हिस्सेदारी बनाए रखी है। सरकारी बीमा कंपनी ने अंबूजा सीमेंट्स में अपनी हिस्सेदारी 62 बीपीएस घटाकर 5.07% कर दी है। अडानी एनर्जी में एलआईसी की हिस्सेदारी 68 बीपीएस की बढ़ोतरी के साथ 3.68% हो गई है जबकि अडानी एंटरप्राइजेज में यह 14 बीपीएस की बढ़ोतरी के साथ 4.07% पहुंच गई है। अडानी एनर्जी का शेयर इस साल सपाट रहा है जबकि अडानी एंटरप्राइजेज में चार फीसदी की मामूली बढ़ोतरी हुई है।

हालांकि म्यूचुअल फंड्स का अडानी ग्रुप के अधिकांश शेयरों पर भरोसा बना हुआ है। एसीसी में म्यूचुअल फंड्स की होल्डिंग जून तिमाही में 122 बीपीएस बढ़ गई। इसी तरह अडानी पोर्ट्स में उनकी हिस्सेदारी में 22 बीपीएस और अडानी एनर्जी में 16 बीपीएस बढ़ी है। हालांकि अंबूजा सीमेंट्स में उन्होंने अपनी हिस्सेदारी घटाई है। संयोग की बात है कि रिटेल इनवेस्टर्स ने भी इसी शेयर में अपनी हिस्सेदारी कम की है। इस दौरान छोटे निवेशकों ने अडानी ग्रुप के नौ शेयरों में हिस्सेदारी बढ़ाई।

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