मुकेश अंबानी के बेटे की शादी से लोकल मार्केट को फायदा, यह है इसका हिसाब
मुंबई- मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी 12 जुलाई को हो चुकी है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कार्यक्रम में शामिल होकर अनंत-राधिका को आशीर्वाद दिया था। इस शादी में देश-विदेश के कई बड़े सेलेब्स भी शामिल हुए थे।
इस ग्रैंड वेडिंग इवेंट से इकोनॉमिक बूस्ट और लोकल मार्केट को सपोर्ट मिला। मुंबई के जियो वर्ल्ड सेंटर में 3 दिन तक फंक्शन चले। पहले दिन शादी, दूसरे दिन शुभ आशीर्वाद और तीसरे दिन मंगल उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
नरेन्द्र मोदी इस इवेंट में शामिल हुए। जिससे इस इवेंट के राष्ट्रीय महत्व पर प्रकाश पड़ा और सेलिब्रेशन की प्रतिष्ठा बढ़ी। इस इवेंट में ममता बनर्जी, लालू प्रसाद यादव, अखिलेश यादव और शरद पवार सहित कई राजनीतिक हस्तियों शामिल हुईं, जिससे कई पार्टीज और विचारधाराओं के बीच एकता और सद्भावना प्रदर्शित हुई।
शादी में संगीत, पूजा, मेहंदी और हल्दी जैसे पारंपरिक समारोह हुए, जो भारतीय विरासत और रीति-रिवाजों के प्रति कपल के सम्मान को दर्शाते हैं। इसके अलावा शिव शक्ति पूजा में ए-लिस्ट सेलेब्रिटीज शामिल हुए। ये परिवार के अपनी आध्यात्मिक परंपराओं और विरासत के प्रति सम्मान को दर्शाता है। जगद्गुरु रामभद्राचार्य, स्वामी सदानंद सरस्वती, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जैसे प्रमुख धार्मिक गुरुओं ने कपल को आशीर्वाद दिया और धर्म की शिक्षाओं के साथ वेडिंग सेरेमनी को समृद्ध बनाया।
राधिका और अनंत अंबानी की शादी एक भव्य समारोह था। जिसमें भारतीय परंपराओं और संस्कृति का प्रदर्शन किया गया, जिसने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया। शादी के खर्च ने गुड्स एंड सर्विसेज की डिमांड को बढ़ावा दिया। जिससे प्रोडक्शन में बढ़ोतरी हुई, रोजगार पैदा हुए और छोटे पैमाने के व्यवसायों को सपोर्ट मिला।
भारत में शादी का आयोजन ‘मेक इन इंडिया’ पहल के साथ जुड़ा हुआ रहा। देश के भीतर हुए इस समारोह ने अन्य परिवारों को भी देश के भीतर अपने फंक्शन आयोजित करने के लिए प्रेरित किया। इससे लोकल मार्केट को सपोर्ट मिलेगा।
जामनगर में आयोजित शादी से पहले के समारोह ने रेवेन्यू और रोजगार बढ़ाकर लोकल इकोनॉमी को बढ़ावा दिया। जिससे होटल, रेस्टोरेंट, ट्रांसपोर्ट सर्विसेज और लोकल रिटेलर्स को काफी फायदा मिला। अंबानी परिवार ने वंचित लोगों के लिए सामूहिक विवाह का आयोजन किया। जिसमें कपड़े और सोने जैसे उपहार दिए गए और पूरे भारत में ऐसी सैकड़ों शादियों का समर्थन करने का संकल्प लिया।