डिज्नी-रिलायंस विलय को करना पड़ सकता है एंटीट्रस्ट जांच का सामना
मुंबई- वॉल्ट डिज्नी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच प्रस्तावित विलय को भारत में एंटीट्रस्ट का सामना करना पड़ सकता है। दोनों ने इसी हफ्ते 70,000 करोड़ रुपये के संभावित मूल्य के लिए विलय किया था। इसक तहत रिलायंस की वायकॉम 18 और डिज्नी की स्टार इंडिया का विलय होगा।
इस मामले में कुछ वकीलों का कहना है कि विलय की गई इकाई के क्रिकेट प्रसारण अधिकारों के कारण विज्ञापनदाताओं को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। एम्बिट कैपिटल के विश्लेषकों के अनुसार, दोनों कंपनियों की साझेदारी से भारत के 35 फीसदी टीवी दर्शक इनके पास चले जाएंगे। डिज्नी के पास इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के प्रसारण अधिकार और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) मैचों के स्ट्रीमिंग अधिकार भी हैं। दूसरी ओर, रिलायंस के पास आईपीएल के स्ट्रीमिंग अधिकार और भारतीय क्रिकेट बोर्ड के सभी मैचों के अधिकार हैं।
सिंघानिया एंड कंपनी के एक वरिष्ठ भागीदार केके शर्मा ने कहा, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) से अपेक्षा की जाती है कि वह विलय की बारीकी से जांच करेगा, जिसमें क्रिकेट अधिकारों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। डिज्नी-रिलायंस इकाई को विशेष रूप से क्रिकेट में महत्वपूर्ण नियंत्रण के कारण गहरी जांच का सामना करना पड़ेगा। मीडिया एजेंसी ग्रुपएम के मुताबिक, 2022 में भारत में खेल उद्योग का खर्च 1.7 डॉलर था। इसमें क्रिकेट का खर्च 85% था। विलय के बाद नई कंपनी के लिए दोनों कंपनियों को सीसीआई से संपर्क करना होगा।

