सरकारी कंपनियों के शेयरों की जमकर पिटाई, 7.50 लाख करोड़ रुपये डूबे
मुंबई-घरेलू शेयर बाजार में सोमवार को सरकारी कंपनियों के शेयरों की जमकर पिटाई हुई। आईआरएफसी, आरवीएनएल, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, एलआईसी, आरईसी, एनएलसी, आईटीआई सहित अन्य सरकारी शेयरों की जमकर पिटाई हुई। इनके शेयर 20 पर्सेंट तक टूट गए।
पिछले कुछ समय से सरकारी कंपनियों के शेयरों ने मालामाल कर दिया था। खासकर एक दो महीने में ही निवेशकों की रकम दोगुनी कर दी थी। सोमवार को बाजार में भारी मुनाफावसूली का बोलबाला रहा। विदेशी बाजारों में मिले-जुले रुझान के बीच निवेशकों ने शेयरों में चौतरफा बिकवाली की। इस गिरावट में निवेशकों के 7 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए। बीएसई स्मॉलकैप 3.16 फीसदी तक लुढ़क गया। ऐसे ही मिडकैप में 2.62 फीसदी और लार्जकैप में 0.90 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी भी खासी गिरावट के साथ बंद हुए। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 523 अंक यानी 0.73 फीसदी की गिरावट के साथ 71072.49 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 में से 22 शेयर नुकसान के साथ बंद हुए। वहीं, निफ्टी 50 के 34 शेयरों को गिरावट देखनी पड़ी।
सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से एनटीपीसी, टाटा स्टील, एसबीआई और इंडसइंड बैंक में प्रमुख रूप से गिरावट रही। दूसरी तरफ विप्रो, एचसीएल टेक, महिंद्रा एंड महिंद्रा और नेस्ले के शेयर लाभ के साथ बंद हुए। मुनाफावसूली के बीच बीएसई स्मॉलकैप 3.16 फीसदी तक गिर गया। जबकि मिडकैप में 2.62 फीसदी की गिरावट आई। ऐसे ही लार्जकैप इंडेक्स में 0.90 फीसदी का नुकसान दर्ज किया गया।
गिरावट में निवेशकों के 7.51 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए। एक कारोबारी सत्र पहले यानी शुक्रवार को बीएसई पर लिस्ट सभी शेयरों का मार्केट कैप 386.36 लाख करोड़ रुपये था। सोमवार को यह लुढ़ककर 378.85 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस तरह निवेशकों को बड़ी चपत लगी।