पेपाल 2,500 व यूपीएस 12,000 कर्मचारियों की करेंगी छंटनी, बढ़ेगी बेरोजगारी
मुंबई- भुगतान सेवा देने वाली पेपाल होल्डिंग्स इस साल लगभग 2,500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल सकती है। जबकि यूनाइटेड पार्सल सर्विस इंक (यूपीएस) 12,000 लोगों यानी करीब 2.5 फीसदी की छंटनी कर सकती है। घरेलू आईटी कंपनी विप्रो 100 लोगों को निकालने की योजना शुरू कर दी है।
पेपाल के सीईओ एलेक्स क्रिस ने कहा, कारोबार को सही आकार देने के लिए इस साल करीब 9 फीसदी कर्मचारियों को निकाला जा सकता है। हमें तेज रफ्तार के साथ आगे बढ़ने और लाभदायक विकास के लिए ऐसा करना पड़ रहा है। हम उन क्षेत्रों में निवेश करना जारी रखेंगे जो हमारी वृद्धि में तेजी ला सकते हैं। टेक कंपनी सेल्सफोर्स ने भी 700 कर्मचारियों (एक फीसदी) को बाहर का रास्ता दिखाने का फैसला किया है। कंपनी ने 2023 में 10 फीसदी कर्मचारियों को निकाल दिया था।
यूपीएस के सीईओ कैरोल टोम ने बताया, पिछला साल कठिन और निराशाजनक रहा। सभी कारोबारी सेगमेंट में वॉल्यूम, राजस्व और परिचालन लाभ में गिरावट आई है। अब कंपनी का लक्ष्य लागत में एक अरब डॉलर की कटौती का है। कंपनी के पूरे साल का राजस्व 92 अरब डॉलर से 94.5 अरब डॉलर के बीच रहेगा।
कंपनी का तिमाही राजस्व एक साल पहले के 27 अरब डॉलर से गिरकर 24.9 अरब डॉलर रह गया है। अधिकारियों ने कहा कि भले ही व्यवसाय ठीक हो जाए, फिर भी वापस इन पदों पर भर्ती नहीं होगी। कंपनी 2015 में खरीदे गए ट्रक लोड ब्रोकरेज व्यवसाय कोयोट को भी बेचना चाहती है।
दिसंबर तिमाही के अंत तक चार प्रमुख आईटी कंपनियों टीसीएस, इन्फोसिस, विप्रो और एचसीएल के कर्मचारियों की संख्या में 50,875 की कमी आई थी। टीसीएस के 10,669, इन्फोसिस के 24,182, विप्रो के 18,510 और एचसीएल के 2,486 कर्मचारी घटे थे।
गूगल ने पिछले साल 12,000 कर्मचारियों को निकालने पर संबंधित खर्चों के लिए 17,500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। अकेले इस महीने में एक हजार से अधिक को निकालने पर 70 करोड़ डॉलर खर्च कर चुकी है।