राममंदिर तैयार होने से चार लाख करोड़ रुपये का होगा यूपी में पर्यटन कारोबार
मुंबई- अयोध्या में राम मंदिर के पूरे होने और पर्यटन को बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों से उत्तर प्रदेश को वित्त वर्ष 2025 तक 20,000 से 25,000 करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त कर राजस्व मिल सकता है। एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वित्त वर्ष के अंत तक यूपी में चार लाख करोड़ रुपये तक के पर्यटन कारोबार होंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में यूपी में 32 करोड़ पर्यटक आए। इसमें से 2.21 लाख अकेले अयोध्या में आए थे। इन्होंने 2.22 लाख करोड़ रुपये खर्च किए। विदेशी पर्यटकों ने इसी दौरान 10,500 करोड़ रुपये खर्च किया। घरेलू पर्यटकों के मामले में 18.4 फीसदी हिस्सेदारी के साथ यूपी पहले स्थान पर है जबकि विदेशी पर्यटकों के मामले में पांचवें स्थान पर है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2028 तक भारत की अर्थव्यवस्था में यूपी दूसरे स्थान पर होगा। साथ ही यूपी की अर्थव्यवस्था नार्वे की जीडीपी से ज्यादा हो जाएगी। पर्यटकों की लगातार बढ़ रही संख्या से 2028 तक इसकी जीडीपी 500 अरब डॉलर की हो जाएगी जबकि 647 अरब डॉलर के साथ महाराष्ट्र पहले स्थान पर होगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पर्यटक सबसे ज्यादा खर्च स्वास्थ्य और मेडिकल पर करते हैं। 2022 में इन्होंने इन दोनों पर 1.06 लाख करोड़ रुपये खर्च किया था। 66,000 करोड़ रुपये की खरीदारी की थी। 27,000 करोड़ रुपये छुट्टियों, लेजर और अन्य पर खर्च हुए थे। 15,413 करोड़ रुपये सामाजिक रूप से खर्च हुए थे।
एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पांच वर्षों में म्यूचुअल फंड में निवेशकों के निवेश के मूल्य यानी एयूएम के मामले में यूपी ने राष्ट्रीय स्तर की तुलना में ज्यादा बढ़त हासिल की है। वित्त वर्ष 2020-24 के दौरान शेयर बाजार में नए निवेशक जोड़ने के मामले में सभी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। इससे यहां करदाताओं की संख्या भी बढ़ी है।
सरकारी सामाजिक योजनाओं को अपनाने में भी उत्तर प्रदेश ने बाजी मारी है। पीएम जनधन योजना और स्वानिधि योजना में यूपी का सर्वाधिक हिस्सा है। साथ ही बैंकों के जमा और उधारी में यहां पांच साल में 10.40 फीसदी और 13.1 फीसदी की चक्रवृद्धि दर से बढ़त दिखी है। बिजली उत्पादन 2014-22 के दौरान दोगुना बढ़ा है।
रिपोर्ट के अनुसार, यहां युवाओं में बेरोजगारी की दर भी घट रही है। बैंक और वित्तीय संस्थान सबसे ज्यादा प्रोजेक्ट को मंजूरी यहीं पर दे रहे हैं। यूपी में बैंक और वित्तीय संस्थानों की मंजूरी दर 16.2 फीसदी रही जबकि गुजरात में यह 14 फीसदी और ओडिसा में 11.8 फीसदी रही है।
सबसे अधिक आबादी वाला राज्य होने के बावजूद, उत्तर प्रदेश ने प्रति लाख जनसंख्या पर महिलाओं के खिलाफ अपराधों में राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन किया है। राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं के खिलाफ मामलों में सजा दर के मामले में भी यह आगे है।