बिहार में पैदा हुए सुब्रत रॉय ने स्कूटर पर सवार होकर खड़ी की कंपनी  

मुंबई- कारोबारी सुब्रत रॉय नहीं रहे। 75 साल की उम्र में मंगलवार रात को मुंबई में उनका निधन हो गया। सामान्य जिंदगी से बड़े कारोबारी बन जाने तक की उनकी जिंदगी के कई चैप्टर बेहद खास रहे हैं। 

सुब्रत 10 जून, 1948 को अररिया, बिहार में जन्मे थे। उनके पिता का नाम सुधीर चंद्र रॉय और माता का नाम छवि है। बाद में परिवार बेहतर अवसरों की तलाश में बिहार से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में शिफ्ट हो गया। रॉय अपने माता-पिता और भाई-बहनों के साथ शहर के तुर्कमानपुर इलाके में रहते थे। बचपन में सुब्रत रॉय सहारा एक प्रतिभाशाली छात्र थे।

उनकी स्कूली शिक्षा होली चाइल्ड स्कूल से हुई थी। उन्हें तकनीकी शिक्षा में बहुत रुचि थी और उन्होंने इस रुचि को आगे बढ़ाते हुए सरकारी तकनीकी संस्थान, गोरखपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया था। सुब्रत राय की उनकी पत्नी स्वपना से मुलाकात कोलकाता में एक कॉमन फ्रेंड के जरिए हुई थी। उनकी पत्नी स्वपना ने बताया था कि सुब्रत बहुत चार्मिंग थे और वो उनके प्यार में पड़ गईं। सुब्रत और स्वपना दोनों अलग-अलग शहरों में रहते थे और साल में काफी कम मिलते थे। सुब्रत रोमांटिक लेटर लिखते थे और 7 साल बाद उनकी शादी हुई थी। 

सुब्रत रॉय के दो बेटे शुशांतो रॉय और सीमांतो रॉय हैं। 2004 में सुब्रत रॉय ने अपने दोनों बेटों की शादी लखनऊ के एक स्टेडियम में की थी, जिस पर करीब 500 करोड़ रुपए खर्च किए थे। इस शादी में सियासी, ग्लैमर, खेल और कारोबारी जगत की हस्तियों ने शिरकत की थी। अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या रॉय, अनिल अंबानी और मुलायम सिंह जैसी हस्तियां इसमें शामिल हुई थी।  

सुब्रत राय की उनकी पत्नी स्वपना से मुलाकात कोलकाता में एक कॉमन फ्रेंड के जरिए हुई थी। फरवरी 2004 में सुब्रत रॉय ने अपने दोनों बेटों की शादी लखनऊ से की थी। इसमें भाजपा के सीनियर लीडर लालकृष्ण आडवाणी भी पहुंचे थे। सुब्रत ने करियर की शुरुआत में नमकीन स्नैक्स बेचने से की थी। वह अपनी लैंब्रेटा स्कूटर पर जया प्रोडक्ट के नाम से स्नैक्स बेचते थे।  

1978 में उन्होंने गोरखपुर में एक छोटे से ऑफिस से सहारा की नींव रखी। लाखों लोग इससे जुड़े गए और देखते ही देखते सुब्रत रॉय सहाराश्री बन गए। सभी लोग उन्हें इसी नाम से बुलाते थे। सहारा कई तरह के इन्वेस्टमेंट प्लान चलाता था। डेली, मंथली, क्वार्टरली, एनुअल डिपॉजिट जैसी सर्विस देता था। दूसरी कंपनियों और बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट और रिकरिंग डिपॉजिट की तुलना में सहारा में 3-4% ज्यादा ब्याज मिलता था। वो करीब 11-12% सालना ब्याज देने का वादा करता था। कई सालों तक लोगों को रिटर्न मिला भी। 

रॉय के नेतृत्व में, सहारा ने कई व्यवसायों में विस्तार किया। रॉय का साम्राज्य फाइनेंस, रियल एस्टेट, मीडिया और हॉस्पिटैलिटी से लेकर अन्य सेक्टर्स में फैला हुआ था। उन्होंने साल 1991 में एयर सहारा एयरलाइन की स्थापना की थी। 10 हाजार एकड़ में फैला एंबी वैली प्रोजेक्ट उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था। सहारा ग्रुप टीम इंडिया का स्पॉन्सर भी रहा। 

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