एमजी मोटर व विवो के खातों की हो सकती है जांच, मंत्रालय करेगा सिफारिश
मुंबई- कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय (एमसीए) ऑटो प्रमुख एमजी मोटर इंडिया और स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खातों की जांच शुरू करने की सिफारिश कर सकता है। एमसीए ने पहले भी इसी तरह का आदेश जारी किया था। आरओसी ने एक साल पहले जांच की थी और उस जांच की रिपोर्ट अब उसने जमा करा दी है।
एमजी मोटर की जांच अक्तूबर, 2022 में शुरू की गई थी। उस समय कंपनी ने कहा था, हमें एक नोटिस मिला है जिसमें 2019-20 की वार्षिक रिपोर्ट में परिचालन के पहले वर्ष के घाटे को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। सूत्रों के अनुसार, रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) ने जो जांच रिपोर्ट सौंपी है, उसमें संदिग्ध लेनदेन का पता चला था। साथ ही, टैक्स चोरी, बिलिंग में गड़बड़ी और अन्य वित्तीय अनियमितताएं मिलीं थी। सूत्रों ने कहा कि आरओसी रिपोर्ट के विश्लेषण के बाद एमसीए जांच के आदेश जारी कर सकता है।
यह मामला तब सामने आया है, जब जेएसडब्ल्यू समूह और शंघाई स्थित एसएआईसी मोटर कॉर्प एमजी मोटर इंडिया में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी लेने के लिए अंतिम बातचीत कर रहे हैं। मंत्रालय अलग से वीवो के खातों की जांच का आदेश भी दे सकता है। एक महीने पहले ही प्रवर्तन निदेशालय ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में विवो में भारत के लिए काम करने वाले एक चीनी नागरिक सहित चार अधिकारियों को गिरफ्तार किया था।
विवो अधिकारियों की गिरफ्तारी से भारत में कंपनी की कानूनी परेशानियां बढ़ गईं हैं। नवंबर 2022 में आई रिपोर्ट में कहा गया है कि एक अनुमान के मुताबिक, सरकार भारत में काम कर रही लगभग 400-500 चीनी कंपनियों की जांच कर रही है।