अगली दिवाली तक सेंसेक्स जा सकता है 75,000 पर, निफ्टी 25 हजार पार
मुंबई- संवत 2079 अब खत्म होने जा रहा है। दिवाली से शेयर मार्केट के लिए नया साल शुरू हो जाएगा। पिछली दिवाली से अब तक अगर रिटर्न की बात करें, तो निफ्टी-50 9 फीसदी बढ़ा है। इस दौरान बाजार में काफी उतार-चढ़ाव आए। इनमें उच्च महंगाई दर से लेकर बढ़ी हुई ब्याज दरें और भू-राजनीतिक तनाव शामिल हैं। अब संवत 2080 से निवेशकों को काफी उम्मीदे हैं। नए साल में निफ्टी और सेंसेक्स दोनों में अच्छी तेजी आने के आसार हैं। हालांकि, बाजार में कुछ उथल-पुथल रहने की भी आशंका है।
कई देशों के आपसी तनाव एक चिंता का विषय बना हुआ है। जबकि घरेलू मोर्चे पर आम चुनाव, महंगाई और ब्याज दर वे प्रमुख फैक्टर्स हैं, जो बाजार को प्रभावित करेंगे। तो अब आप यह जानना चाहेंगे कि संवत 2080 में निफ्टी-50 और सेंसेक्स किस आंकड़े को छुएंगे। आइए जानते हैं कि एक्सपर्ट्स का क्या कहना है।
इक्विनामिक्स रिसर्च के के फाउंडर जी चोकलिंगम कहते हैं, ‘घरेलू शेयर बाजार नए साल में 15 फीसदी का रिटर्न दे सकता है। सेंसेक्स अगली दिवाली तक 75,000 का आंकड़ा छू सकता है। इकॉनमी का लगातार 6 फीसदी से ऊपर की ग्रोथ रेट बनाए रखना इसे संभव बनाएगा। 6 फीसदी से ऊपर की ग्रोथ दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज होगी। इससे हम एफपीआई से भी अच्छी-खासी खरीदारी की उम्मीद कर सकते हैं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘हालांकि, अगर आम चुनावों में अस्थिर सरकार बनती है या तेल की वैश्विक कीमतों में जबरदस्त उछाल (120 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर कीमत) आता है, तो सेंसेक्स 55,000 से नीचे गिर सकता है। अगले एक साल में ये दो प्रमुख जोखिम वाले फैक्टर होंगे।’
सैमको सिक्युरिटीज की अपूर्वा सेठ ने कहा, ‘लोक सभा चुनावों में करीब 6 महीने ही बचे हैं। इसलिए निफ्टी-50 के पॉजिटिव ट्रेड करने की उम्मीद है और प्री-इलेक्शन रैली भी देखने को मिल सकती है। यूएस 10-ईयर बॉन्ड यील्ड का मौजूदा 5 फीसदी के उच्च स्तर से नीचे गिरना भी मार्केट को सपोर्ट करेगा। चुनाव तक निफ्टी के लिए हमारा पॉजिटिव आउटलुक है।अगले संवत तक निफ्टी के 18,500 से 21,500 के बीच ट्रेड करने की उम्मीद है।’
नुवामा प्रोफेशनल क्लाइंट्स ग्रुप के प्रेसिडेंट एंड हेड संतोष पांडे ने कहा, ‘निफ्टी अगले संवत के पूरा होने से पहले आराम से 20,000 को पार कर जाएगा। मेरी चिंता केवल शॉर्ट टर्म के लिए है। क्योंकि कई इवेंट्स आ रहे हैं। ये राज्यों के चुवाव, आम चुनाव, अमेरिका में महंगाई, यूएस बॉन्ड यील्ड और मौजूदा युद्ध हैं।