कच्चे तेल की कीमतें बढ़कर 110 डॉलर पर पहुंचीं तो महंगा होगा कर्ज
नई दिल्ली। कच्चे तेल की कीमतें अगर 110 डॉलर प्रति बैरल के पार जाती हैं तो भारत में कर्ज लेना महंगा हो सकता है। ब्रोकिंग कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने कहा, कच्चे तेल के महंगे होने, ब्याज दरों के बढ़ने से देश का चालू खाता घाटा भी बढ़ेगा और रुपया को भी इससे नुकसान होगा। मॉर्गन स्टेनली के अर्थशास्त्रियों ने कहा, तेल की लगातार ऊंची कीमतों का मतलब यह होगा कि चालू खाता घाटा जीडीपी के 2.5% से ज्यादा हो जाएगा।
एजेंसी का अनुमान है कि तेल की कीमतों में प्रत्येक 10 डॉलर की वृद्धि से भारत की महंगाई 0.5 फीसदी तक बढ सकती है। ब्रेंट क्रूड इस समय 85 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि दिसंबर तक कच्चा तेल 95 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है लेकिन अगले साल इसमें गिरावट आ सकती है। एजेंसी ने पहले अनुमान लगाया था कि रिजर्व बैंक अगले साल अप्रैल-जून से दरों में कटौती कर सकता है।