महंगे हो सकते हैं इलेक्ट्रिक वाहन, सरकार खत्म कर सकती है फेम योजना 

मुंबई- नए साल से इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) महंगे हो सकते हैं। ईवी को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई फेम योजना के तीसरे चरण के लिए वित्त मंत्रालय चालू वित्त वर्ष के बाद फेम की सब्सिडी खत्म कर सकता है। मंत्रालय का मानना है कि फेम-1 और फेम-2 के लाभार्थी ईवी वाहन निर्माताओं को किसी और सरकारी समर्थन की जरूरत नहीं है। 

भारी उद्योग मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम) के तहत अगले पांच वर्षों के लिए सब्सिडी बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। केंद्र सरकार ने 2015 से 2019 तक लागू फेम-1 के लिए 895 करोड़ और 2019-24 के लिए फेम-2 में आवंटन को बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये कर दिया था। फेम-3 के लिए इससे भी अधिक राशि की उम्मीद की जा रही है लेकिन जिन सेगमेंट पर लक्ष्य है, उन्हें अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है। सरकार का मानना है कि ईवी बाजार इस समय सही स्थिति पर पहुंच गया है। 

एक सरकारी अधिकारी ने कहा, भारी उद्योग मंत्रालय वित्त मंत्रालय के साथ चर्चा कर रहा है। प्रस्ताव पर अंतिम फैसला ईवी पहुंच की स्थिति, जरूरी समर्थन और धन की उपलब्धता को ध्यान में रखने के बाद लिया जाएगा। इसके अलावा बैटरी और ऑटो कलपुर्जे विनिर्माण के लिए प्रदर्शन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) के तहत भी समर्थन की पेशकश की जा रही है। 

एक अगस्त तक फेम-2 के तहत 7,53,000 से अधिक ईवी दोपहिया वाहनों को समर्थन मिला है। यह योजना 7,090 ई-बसों, 5,00,000 तिपहिया वाहनों, 55,000 चार पहिया यात्री कारों और 10 लाख दोपहिया को सब्सिडी के माध्यम से सरकारी और साझा परिवहन के इलेक्ट्रिफिकेशन का समर्थन करने पर केंद्रित है। इनमें से केवल बसों और दोपहिया वाहनों की बिक्री उन लक्ष्यों के करीब रही है जिन्हें योजना ने हासिल करने के लिए निर्धारित किया था। 

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