अमेजन और माइक्रोसाफ्ट अवैध एसएमएस से 3,000 करोड़ का लगा रहीं चूना
मुंबई- अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट जैसी विदेशी कंपनियां अवैध रास्ते से ग्राहकों के एसएमएस भेजकर केंद्र सरकार और दूरसंचार कंपनियों को सालाना 3,000 करोड़ रुपये का चूना लगा रही हैं। इस मामले में भारत की तीन कंपनियों एयरटेल, वोडाफोन और जियो का प्रतिनिधित्व करने वाले एक समूह ने सरकार के पास शिकायत की है।
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने दूरसंचार सचिव नीरज मित्तल को पत्र लिखा है। इसने कहा है कि माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन ग्राहकों को एसएमएस भेजने के लिए वाट्सएप, टेलीग्राम और अन्य अनियमित प्लेटफॉर्मों का उपयोग कर रही हैं। यह कंपनियां कानूनी रास्ते से एसएमएस भेजने से बच रही हैं। यह न केवल लाइसेंसिंग और सुरक्षा मानदंडों का घोर उल्लंघन है, बल्कि सरकारी खजाने के राजस्व और विदेशी मुद्रा आय का भी नुकसान है।
पत्र में केंद्र से वाट्सएप और टेलीग्राम को कारोबारी एसएमएस के लिए एक अवैध प्लेटफॉर्म घोषित करने की मांग की गई है। फॉर्च्यून 500 कंपनियां ओटीपी के माध्यम से प्रचार के लिए वाट्सएप जैसे अंतरराष्ट्रीय ए2पी (व्यक्ति के लिए एप्लिकेशन) चैनलों का उपयोग करती है।सीओएआई ने कहा, यदि इस प्रथा पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो यह ग्रे और अनियंत्रित तरीकों के उपयोग को प्रोत्साहित कर सकता है। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा पैदा हो सकता है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 में भारत की दूरसंचार कंपनियों के लिए कारोबारी एसएमएस का आकार 2,500 करोड़ रुपये था। यदि वाट्सएप और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्मों से संदेश भेजा गया तो कंपनियों को बड़ा नुकसान हो सकता है। हाल में भारती एयरटेल के वित्तीय परिणाम के दौरान प्रबंध निदेशक गोपाल विट्टल ने इस पर एक सामान्य नियम बनाने की मांग की थी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव से इन कंपनियों ने आगामी दूरसंचार बिल में दूरसंचार सेवाओं की सीमा बढ़ाकर ऐसे संचार एप को रेगुलेट करने की मांग की है।
भारत में इस तरह के कारोबारी संदेशों को भेजने पर 0.13 रुपये शुल्क लगता है। अंतरराष्ट्रीय कारोबारी अलर्ट पर प्रति संदेश लगभग 4-4.5 रुपये शुल्क लगता है। टेलीकॉम कंपनियों का दावा है कि टेक कंपनियां अंतरराष्ट्रीय कारोबारी संदेश शुल्क से बचने के लिए बिना लाइसेंस के रास्ते का उपयोग कर रही हैं।