अवैध केरोसीन बेचते थे शाहरूख खान, दादा और अब्बा थे अफगानी पठान 

मुंबई- 2023 की दो सबसे बड़ी हिट देने वाले किंग खान शाहरुख आज 58 साल के हो गए हैं। उम्र के इस पड़ाव पर भी शाहरूख ने वो रिकॉर्ड ब्रेकिंग कमबैक किया, जिसे हिंदी सिनेमा के इतिहास में पहले कभी नहीं देखा गया।  

जवान और पठान ने बॉक्स ऑफिस पर कुल 2196 करोड़ का कलेक्शन किया। दोनों ही फिल्में भारत की टॉप-3 हाईएस्ट ग्रॉसिंग हिंदी फिल्मों में दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं। पहले पर आमिर की दंगल है। इस कमबैक से शाहरुख की नेटवर्थ में 1300 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है, अब वो 6411 करोड़ के मालिक हैं। दुनिया के अमीर एक्टर्स की लिस्ट में चौथे पायदान पर उनका नाम है। कमाई के मामले में उन्होंने टॉम क्रूज, जैकी चैन और आर्नोल्ड श्वाजनेगर को भी पीछे छोड़ दिया है। 

एक समय ऐसा था जब शाहरुख खान ने गरीबी में गैरकानूनी तरीके से केरोसीन भी बेचा है। उनका इस मुकाम तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था। कभी मां की मौत से टूटे, तो कभी एक कंधे पर लगी चोट से स्पोर्ट्समैन बनने का सपना टूट गया। 

साल 2018 की फिल्म जीरो के बुरी तरह फ्लॉप होने के बाद शाहरुख खान ने फिल्मों से ब्रेक ले लिया था। द जोया फैक्टर, ब्रह्मास्त्र जैसी फिल्मों में कैमियो करने के बाद शाहरुख ने 4 साल बाद बतौर हीरो 2023 में फिल्म पठान से कमबैक किया। इस फिल्म ने 1015 करोड़ रुपए कमाकर कई बड़े रिकॉर्ड तोड़ दिए। 

फिल्म पठान भारत के इतिहास की दूसरी सबसे बड़ी हिंदी फिल्म, 2023 की हाईएस्ट ग्रॉसिंग फिल्म और भारत की चौथी सबसे ज्यादा कमाने वाली फिल्म बनी।100% हिट फिल्मों का ट्रैक रिकॉर्ड रखने वाले राजकुमार हिरानी और शाहरुख की फिल्म डंकी अगर ब्लॉकबस्टर रही और 500-1000 करोड़ की कमाई कर गई तो शाहरुख एक साल में बैक-टु-बैक 3 मेगा ब्लॉकबस्टर फिल्में देने वाले देश के इकलौते स्टार बन जाएंगे। वैसे अभी भी एक साल में 1000 करोड़ कमाई करने वाली 2 फिल्में देने वाले भी शाहरुख अकेले स्टार हैं। 

शाहरुख खान के दादा मीर जान मोहम्मद अफगानिस्तानी पठान थे। उनके पूर्वजों का ताल्लुक कश्मीर से था, जो सालों पहले अफगानिस्तान में बस गए थे। शाहरुख के पिता मीर ताज मोहम्मद का जन्म भी अफगानिस्तान में ही हुआ था। 1946 में वो दिल्ली यूनिवर्सिटी से वकालत करने भारत आए थे, हालांकि इसके बाद भारत-पाकिस्तान के बंटवारे से शुरू हुए दंगों के बाद वो अफगानिस्तान नहीं लौट सके। शाहरुख के कई रिश्तेदार आज भी अफगानिस्तान के किस्सा ख्वानी बाजार में रहते हैं। 

वैसे तो पेशे से मीर ताज मोहम्मद वकील थे, लेकिन वकालत में कामयाबी न मिलने पर उन्होंने पहले फर्नीचर का बिजनेस किया, फिर वो भी नहीं चला तो ट्रांसपोर्टेशन और केरोसीन डीलिंग का काम शुरू कर दिया। जब सारे बिजनेस एक-एक कर बंद हो गए तो उन्होंने दिल्ली के विलिंगन हॉस्पिटल के पीछे चाय की दुकान खोल ली। 

1956 में मीर ताज मोहम्मद, लतीफ फातिमा से शादी कर दिल्ली के राजेंद्र नगर इलाके में किराए के घर में रहने लगे। एक बेटी के बाद 2 नवंबर 1965 को उनके घर बेटे शाहरुख का जन्म हुआ। शाहरुख ने 5 साल मैंगलोर में अपने नाना-नानी के साथ गुजारे। उनके नाना इफ्तिखार अहमद, पोर्ट में चीफ इंजीनियर थे। शाहरुख की मां लतीफ फातिमा भी पढ़ी-लिखी थीं। इंग्लैंड की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वालीं लतीफ फातिमा फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट थीं। वो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की करीबी थीं और उनके साथ सोशल वर्क किया करती थीं। 

शाहरुख खान ने पढ़ाई सेंट कोलंबस स्कूल से की। वो पढ़ाई के साथ हॉकी और फुटबॉल में भी माहिर थे। खेलकूद में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उन्हें स्कूल का सबसे बड़ा सोर्ड ऑफ ऑनर अवॉर्ड मिला था। वो स्पोर्ट्समैन बनना चाहते थे, लेकिन एक दिन खेलते हुए उनके कंधे पर इतनी गहरी चोट लगी, जिससे डॉक्टर्स ने उन्हें खेल से दूर रहने की सलाह दी। 

स्पोर्ट्स छोड़ने के बाद उन्होंने हंसराज कॉलेज में इकोनॉमिक्स की पढ़ाई के साथ प्ले में हिस्सा लेना शुरू किया। दिल्ली के थिएटर एक्शन ग्रुप से जुड़कर उन्हें बैरी जॉन से एक्टिंग सीखने का मौका मिला। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने दिल्ली के ही जामिया मिलिया इस्लामिया कॉलेज से मास कम्यूनिकेशन के मास्टर्स में दाखिला लिया। फिर एक्टर बनने के लिए पढ़ाई अधूरी छोड़ दी और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला ले लिया। 

नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एक्टिंग सीखते हुए शाहरुख की मुलाकात फिल्म और टेलीविजन इंडस्ट्री से जुड़े कई लोगों से हुई। सबसे पहले उन्हें लेख टंडन के टीवी शो दिल दरिया में काम मिला था, जिसकी शूटिंग 1988 में शुरू हुई थी। हालांकि ये शो बनने में देरी हो गई और उन्होंने राजकुमार कपूर के निर्देशन में बने 1989 के शो फौजी से एक्टिंग करियर की शुरुआत की। वो अजीज मिर्जा के शो सर्कस (1989-1990), मणि कौल के शो इडियट (1992) और उम्मीद (1989) का भी हिस्सा रहे। 

1981 में शाहरुख के पिता मीर ताज मोहम्मद का कैंसर से निधन हो चुका था। शाहरुख फिल्मों में जगह बना ही रहे थे कि डायबिटीज बिगड़ने से उनकी मां की तबीयत गंभीर हो गई। बत्रा हॉस्पिटल में मां आखिरी सांसे गिन रही थीं, लेकिन शाहरुख उनसे मिलने की हिम्मत नहीं जुटा सके। 

वो मां की सलामती के लिए हॉस्पिटल की पार्किंग में बैठे दुआ कर ही रहे थे, तभी डॉक्टर ने उनसे कहा कि अब उन्हें आखिरी बार मां से मिल लेना चाहिए। अनुपम खेर के चैट शो में शाहरुख ने बताया था कि उन्होंने आखिरी सांसें ले रही मां से कहा था कि अगर आप चली गईं तो मैं शराबी बन जाऊंगा। पढ़ाई भी नहीं करूंगा। 

मां की मौत से कुछ समय पहले शाहरुख खान के पास हेमा मालिनी की भतीजी का कॉल आया था। उन्होंने कहा था कि एक फिल्म के सिलसिले में वो आपसे बात करना चाहती हैं। शाहरुख को लगा कि कोई मजाक कर रहा है, हालांकि कुछ ही समय में हेमा मालिनी कॉल पर थीं। उन्होंने शाहरुख को मिलने बुलाया, लेकिन उन्हें फिल्में नहीं करनी थीं, तो वो गए ही नहीं। 

कुछ समय बाद मां का निधन हो गया और शाहरुख बुरी तरह टूट गए। सदमे से उबरने के लिए वो दिल्ली छोड़कर मुंबई चले आए। तब भी हेमा मालिनी अपनी डायरेक्टोरियल डेब्यू फिल्म दिल आशना है के लिए एक हीरो की तलाश में थीं, तो शाहरुख खान उनसे मिलने चले गए। 

1984 में शाहरुख की एक पार्टी में गौरी खान से मुलाकात हुई। कुछ समय बाद शाहरुख ने हिम्मत कर उनका नंबर मांगा और बात करते हुए दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे। परिवार के खिलाफ होने के बावजूद दोनों ने तमाम दिक्कतों का सामना करते हुए 26 अगस्त 1991 को कोर्ट मैरिज कर ली। 

कुछ दिनों बाद दोनों ने परिवार की मौजूदगी में 25 अक्टूबर 1991 को शादी की। जिस दिन दोनों की शादी थी, ठीक उसी दिन हेमा मालिनी ने उन्हें मिलने बुला लिया। शाहरुख ने गौरी के साथ समय बिताने के लिए एक होटल में कमरा बुक करवाया था, हालांकि होटल रूम में पहुंचते ही कॉल कर उन्हें सेट पर बुला लिया गया। दुल्हन की तरह सजी हुई गौरी को अकेले छोड़ने के बजाय शाहरुख ने उनको वैसे ही साथ में सेट पर चलने को कहा। 

हेमा सेट पर नहीं थीं तो उन्होंने गौरी को मेकअप रूम में छोड़ दिया और खुद शूटिंग करने लगे। घंटों इंतजार के बाद भी हेमा नहीं पहुंचीं। रात के करीब 2 बजे जब शाहरुख गौरी के पास पहुंचे तो देखा कि वो सो चुकी हैं। ये किस्सा शाहरुख खान के दोस्त और पत्रकार मुश्ताक शेख ने किताब कहानी शाहरुख खान में लिखा था। 

1991 में शाहरुख खान की एक साथ 4 फिल्में दिल आशना है, दीवाना, राजू बन गया जेंटलमैन और चमत्कार रिलीज हुईं और सारी हिट रहीं। इन फिल्मों की बदौलत शाहरुख खान को 1992 की फिल्म बाजीगर मिली। फिल्म बाजीगर और डर में नेगेटिव रोल निभाकर शाहरुख खान स्टार बन गए। 1991 से लेकर अब तक शाहरुख खान 78 फिल्मों में बतौर हीरो काम कर चुके हैं।  

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