अगले साल 9.8 फीसदी हो सकती है वेतन में वृद्धि, लेकिन इस साल से कम
नई दिल्ली। सख्त श्रम बाजार और बढ़ती महंगाई से भारत में कंपनियों को अगले साल 9.8 प्रतिशत वेतन वृद्धि की उम्मीद है। हालांकि, यह 2023 में 10 प्रतिशत की वृद्धि से थोड़ा कम है। कंपनियों का कहना है कि सभी उद्योगों की कंपनियां अभी भी अपनी लागत संरचनाओं की बारीकी से निगरानी कर रही हैं। इससे पता चलता है कि ज्यादा वेतन वृद्धि की संभावना नहीं है।
विलिस टॉवर वॉटसन ने अप्रैल और मई 2023 में 150 देशों की कंपनियों के साथ सर्वे किया था। इसमें भारत से 708 प्रतिभागी शामिल थे। सर्वे के मुताबिक, आईटी क्षेत्र में वेतन वृद्धि में कमी की उम्मीद है। पहले 2024 के लिए लगभग 11 से 12 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान था, जो अब घटकर 10 प्रतिशत प्रतिशत पर आ गया है। इसके विपरीत, विनिर्माण, फार्मास्यूटिकल्स, मीडिया और गेमिंग जैसे क्षेत्रों का विस्तार हो रहा है। यह क्षेत्र अगले साल ज्यादा भर्ती करने के साथ ज्यादा वेतन दे सकते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, 2022 की तुलना में आधे से अधिक कंपनियों ने इस साल वेतन के बजट में वृद्धि की है। एक चौथाई ने बजट को पहले के अनुमानों से बढ़ाया है। 36 प्रतिशत कंपनियों को अनुमान है कि अगले 12 महीनों में राजस्व की वृद्धि सकारात्मक रहेगी। 28 प्रतिशत कंपनियां अगले साल नए कर्मचारियों की भर्ती करेंगी, जबकि 60 फीसदी ने इसी साल भर्ती की है।
विलिस टॉवर वॉटसन की रिपोर्ट के अनुसार, एशिया प्रशांत में सबसे ज्यादा वेतन भारत में बढ़ेगा। इसके बाद वियतनाम में 8 फीसदी, चीन में 6 फीसदी, फिलीपीन में 5.7 फीसदी और थाईलैंड में 5 फीसदी वेतन बढ़ेगा। सर्वे में कहा गया है कि भारत में नौकरी छोड़ने वालों की संख्या घटकर 14.6 फीसदी पर आ गई है जो 2022 में 15 फीसदी से ज्यादा थी। एक दूसरी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कौशल की कमी को पूरा करने के लिए कम से कम 1.62 करोड़ श्रमिकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और ऑटोमेशन में उन्नत और कुशल बनाने की जरूरत है। एआई लोगों के कौशल को बढ़ाएगा और इससे नई नौकरियां भी मिलेंगी।