छोटी स्कीमों में हो रहा ज्यादा निवेश, 2.6 गुना बढ़कर 74,675 करोड़ हुआ
मुंबई- सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम और महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र जैसी छोटी बचत योजनाओं में लोग जमकर निवेश कर रहे हैं। इन योजनाओं में इन्वेस्टमेंट रेकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया है। इसके मद्देनजर सरकार अब खासकर पीपीएफ (PPF) जैसी स्मॉल सेविंग्स स्कीमों के लिए तिमाही रेट तय करते समय पोस्ट टैक्स रिटर्न पर भी विचार कर रही है।
सितंबर के अंत तक छोटी बचत योजनाओं में निवेश पिछले साल के मुकाबले 2.6 गुना बढ़कर 74,675 करोड़ रुपये पहुंच गया। पिछले साल समान अवधि में यह 28,715 करोड़ रुपये था। सरकार ने इस योजनाओं में सालाना निवेश की सीमा दोगुना करके 30 लाख रुपये कर दी थी। इसके बाद ही इन योजनाओं में निवेश में तेजी आई है।
ग्रॉस आधार पर यह निवेश एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकता है। इसी तरह महिला सम्मान सेविंग्स स्कीम में 13,500 करोड़ रुपये से अधिक पैसा जमा हुआ है। इस योजना में महिलाओं को एक बार में 7.5 परसेंट रेट पर दो लाख रुपये तक निवेश करने की सुविधा मिलती है। सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम और महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट के साथ-साथ सुकन्या समृद्धि योजना को प्रायोरिटी स्मॉल स्कीम का दर्जा हासिल है। इन योजनाओं के साथ-साथ पीपीएफ ने सरकार को बड़ी राहत दी है। खर्च और राजस्व तथा स्मॉल सेविंग्स के मौजूदा ट्रेंड को देखते हुए सरकार के पास खुले बाजार से उधारी को कम करने का विकल्प है।
लेकिन सरकार ने अब तक ऐसा नहीं किया है। इसके बजाय उसने ने टैक्स बेनिफिट्स के मद्देनजर विभिन्न स्कीमों पर इंटरेस्ट रेट को एडजस्ट करने का विकल्प चुना है। उदाहरण के लिए पीपीएफ में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत छूट मिलती है। साथ ही इस पर मिलने वाला ब्याज भी टैक्स फ्री होता है। पीपीएफ पर ब्याज की दर 7.1 परसेंट है। इस तरह अगर कोई 30% टैक्स ब्रैकेट में आता है तो उसे पीपीएफ पर करीब 9.3 परसेंट रिटर्न मिलता है।